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Rajasthan : कोटा में नहीं थम रहा सुसाइड का सिलसिला, NEET की एक और छात्रा ने की खुदकुशी

राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में एक सुसाइड का मामला सामने आया है।

Priyanshi Nigam
  • Mar 28 2024 10:43AM

राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में  एक सुसाइड का मामला सामने आया है। जहां एक छात्रा ने अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। दरअसल, पिछले साल ही छात्रा कोटा आई थी और वे NEET की तैयारी कर रही थी।

जानकारी के लिए बता दें  कि छात्रा कोटा के जवाहर नगर इलाके में रह रही थी। वे पिछले साल ही कोटा आई थी और पीजी में रह रही थी।
मृतक छात्रा की पहचान लखनऊ निवासी सौम्य के रूप में हुई है। छात्रा के परिजनों को इस घटना के बारे में जानकारी दे दी गई है। जिनके कोटा पहुंचने के बाद आगे मामले की जांच की जाएगी।

साल 2023-24 छात्रों के सुसाइड के कुल कितने मामले

पिछले साल की तरह नए साल 2024 में भी कोटा स्टूडेंट्रस के सुसाइड के मामलों में कमी आती नहीं दिख रही है। साल के शुरुआती 3 महीने में कोटा के कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड का सातवां मामला सामने आ चुका है। यही अगर हम बात करे 2023 में सुसाइड के आंकड़ो की तो पिछले साल दो दर्जन से अधिक छात्रों ने सुसाइड किया था। इसके बाद से जिला प्रशासन सरकार और कोचिंग संस्थानों की ओर से बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए कई कार्यक्रम किया जा रहे हैं, लेकिन सुसाइड के मामलें थमने का नाम ही नहीं ले रहें है।

कोटा में पढ़ रहे  छात्र सुसाइड करने का क्यों सोचते है

कोटा NEETऔर JEE जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाला भारत का सबसे बड़ा कोचिंग हब है। 2024 में यहां अब तक 7 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं।

सबसे चिंताजनक बात ये है कि फिलहाल कोटा में पढ़ रहे 7% छात्रों ने कम से कम एक बार आत्महत्या करने के बारे में सोचा है।  सर्वे के जरिए छात्रों की चिंताओं का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने की कोशिश की गई थी।

रिसर्च के अनुसार, एसा पाया गया कि कोटा में पढ़ने वाले बहुत से बच्चों को लगता है कि एक बेहतर जिंदगी पाने के लिए NEETया JEE परीक्षा पास करना बेहद जरूरी है। यही सोच उन्हें पढ़ाई करने का जोश देती है, लेकिन अगर वो परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं तो इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।


कुछ आसपास के लोग भी छात्राओं की चिंता बढ़ा देते हैं। कोटा में रहते हुए लगभग 10 में से 1 छात्र अक्सर माता-पिता के दबाव का अनुभव करता है। लड़कियों की तुलना में लड़कों पर दबाव थोड़ा अधिक है।

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