वो अक्सर देश के खिलाफ, देश के कानून के खिलाफ, देश के संविधान के खिलाफ तो कभी देश के बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ बयान देता है. कहने को वह एक समाजवादी पार्टी का बड़ा नेता है तथा स्वयं को धर्मनिरपेक्षता का बहुत बड़ा पैरोकार साबित करने की कोशिश करता है लेकिन हकीकत इसके बिलकुल विपरीत मालूम दिखाई दती है.
जी हाँ हम बात कर रहे हैं समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की. वही आजम खान जो सपा सरकार में उत्तर प्रदेश के कबिनेट मंत्री रहे थे तथा मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान उन पर आरोप लगे थे कि दंगों को भडकाने में उनकी भी भूमिका थी. उन्हीं आजम खान ने एक बार फिर ऎसी बात कही बात है जिसे सुनकर हिन्दू सहित देश के समस्त गैर मुस्लिम समुदाय का खून खुल जाए. जी हाँ,,आजम खान ने बोला है कि इस दुनिया में कोई भी इन्सान जो ईद नहीं मनाता वो शैतान है. आजम खान के इस बयान पर हिन्दू समाज उबल पड़ा है तथा आक्रोशित होकर आजम खान के खिलाफ प्रतिक्रिया दे रहा है. आजम खान ने कहा है कि , “आप इसलिए ईद नहीं मनाते कि हमारे यहां (इस्लाम) शैतान ईद नहीं मनाता है. जिस दिन शैतान (इल्बीस) ईद मना लेगा, उस दिन हमारे धर्म की बल्ले-बल्ले है और जो भी ईद नही मनाता वो शैतान है.”
ज्ञात हो कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि में हिन्दू हूँ तो में ईद नहीं मनाता. और योगी के इससे बयान पर आजम खान ने ये बयान दिया है तथा योगी जी को शैतान बोला है. देश का हिन्दू समाज आजम खान से पूंछ रहा है कि देश में लगभग 100 करोड़ ऐसे हैं जो ईद नहीं मनाते, नमाज नहीं पढ़ते तो क्या वो सब के सब शैतान हैं?आखिर ये कौन सी भाषा है है जो अपना मजहब या त्यौहार न मनाने वालों को इंसान न मानकर शैतान मानती है? तथा जिस विचारधारा में इंसान को ईद न मनाने पर इंसान न मना जाए तथा शैतान बोल दिया दिया जाये तो क्या वो विचारधारा समाज का, राष्ट्र का कल्याण कर सकती है, क्या ये विचारधारा देश कोई प्रगति में, उन्नति में अपना योगदान दे सकती है?
आजम खान को याद रखना चाहिए कि एक तरफ योगी जी है जो “सर्वे भवतु सुखिनः” की बात करते है जो “वसुधैव कुटुम्बकम” की बात करते है वहीं दुसरी तरफ आजम खान जैसे विकृत मानसिकता के लोग हैं मजहबी उन्मादी मानसिकता के लोग हैं जो ईद न मनाने को इंसान मानने से ही इनकार कर देते हैं तथा उसको शैतान बता देते हैं. ये वही आजम खान हैं जिन्होने भारत माता को भी डायन बोला तो ये ईद न मनाने वाले को शैतान भी कहा सकते हैं लेकिन ऐसे बयानों से आजम स्वयं हास्यास्पद पात्र बनते हैं तथा अपनी विचारधारा तथा बयानों से साबित करते हैं कि शायद वही सबसे बड़े शैतान हैं.