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आइए हम आपको प्रोस्टेट ग्रंथि के बारे में विस्तार से बताते हैं कि यह कैसे होता है, किस उम्र में होता है,

प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है, जो केवल पुरुषों में पाई जाती है। यह मूत्राशय के नीचे, मलाशय के सामने होती है। इसका काम है वीर्य का उत्पादन करना, जिसमें शुक्राणु होते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे

Sudarshan
  • May 20 2023 1:09PM

प्रोस्टेट ग्रंथि एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो पुरुषों में पायी जाती है। यह ग्रंथि पुरुषों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उनकी प्रजनन प्रणाली के भाग के रूप में कार्य करती है। प्रोस्टेट ग्रंथि अंदरूनी जननांग के नीचे, गुदाशय के आस-पास स्थित होती है।

प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार एक अंडाकार (walnut) से लेकर आम के आकार तक हो सकता है। यह मुख्य रूप से दो भागों से मिलकर बनी होती हैं, जो उत्तेजना ग्रंथि और सीटोस्ट्रॉम के नाम से जानी जाती हैं। उत्तेजना ग्रंथि अधिकांशतः प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार होता है और यह यौन उत्तेजना के समय वीर्य को निकालने के लिए एक प्रमुख कारक माना जाता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि का विकास लगभग १२ साल की आयु में शुरू होता है, जब पुरुष बच्चों की उम्र में होते हैं। इसका आकार और वजन वृद्धि के साथ बढ़ता है और यह प्राथमिक रूप से पहले बालों के साथ उभरने लगता है। आमतौर पर, प्रोस्टेट ग्रंथि पूरी तरह से विकसित और सक्षम होने में तीन दशकों तक का समय लग सकता है।

 प्रोस्टेट ग्रंथि की मुख्य फ़ंक्शन्स में शामिल हैं वीर्याघात को मार्गशीर्ष में प्रोपेल करना, वीर्य को बांधने के लिए सीटोस्ट्रॉम को अधिष्ठानित करना, और शुक्राणुओं की संख्या, सक्रियता और स्वाभाविक गतिविधियों को नियंत्रित करना

 प्रोस्टेट ग्रंथि में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे

प्रोस्टेट का बढ़ना: यह एक सामान्य स्थिति है, जिसमें प्रोस्टेट का आकार बढ़ता है, और मूत्रमार्ग पर दबाव पैदा करता है। इससे पेशाब करने में कठिनाई, बार-बार पेशाब, मूत्र में रुकावट, मूत्र में खून, मूत्राशय में संक्रमण, मूत्राशय की पथरी, मूत्राशय की कमजोरी, मूत्राशय का पल्ला (prolapse) आदि समस्याएं हो सकती हैं।

पेशाब करने में दिक्कत,पेशाब करते समय दर्द और जलन,बार-बार पेशाब आने की समस्या,पेशाब में झाग आना,पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द,पेरिनेम के हिस्से में गंभीर दर्द,लिंग और अंडकोष में दर्द,तेज बुखार और ठंड लगना,मांसपेशियों में दर्द
 

यदि आपको प्रोस्टेट ग्रंथि समस्याएं हैं और चिकित्सा सलाह चाहिए, तो सर्वप्रथम आपको एक प्रमाणित चिकित्सा या यूरोलोजिस्ट से मिलना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको सही निदान और उपचार प्रदान करेंगे।

आमतौर पर, प्रोस्टेट समस्याओं का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षणों का उपयोग किया जाता है:

  1. शारीरिक परीक्षण: चिकित्सक आपकी शारीरिक परीक्षा करेगा, जिसमें प्रोस्टेट के आकार, स्थिति और गठन की जांच की जाएगी।
  2. रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण से PSA (प्रोस्टेट खानिज) स्तर की माप की जाती है। PSA एक प्रोटीन है जो प्रोस्टेट द्वारा उत्पन्न होता है और प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं के माध्यम से बढ़ सकता है।
  3. उल्ट्रासाउंड: उल्ट्रासाउंड के द्वारा प्रोस्टेट का विस्तारित चित्रण किया जाता है। यह उसके आकार, गठन और संरचना की जांच करने में मदद करता है।
  4. बायोप्सी: समय-समय पर, यदि संदिग्ध प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना होती है, तो एक प्रोस्टेट बायोप्सी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें सुस्त संकेतों वाले ऊतकों के संग्रह को हटाने के लिए प्रोस्टेट के संग्रह का सैंपल लिया जाता है और इसका परीक्षण किया जाता है।

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