राजनीति अपनी जगह है, चुनावी जीत हार अपनी जगह है, लगातार चुनावी हार का मुंह देखने वाली कांग्रेस सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शायद आप सोच रहे होंगे की आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे है। दरअसल, कांग्रेस ने अपनी हदें पार करते हुए अब इस बार सुरक्षा बलों के पराक्रम पर सवाल उठाया है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांकेर मुठभेड़ में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 29 नक्सलियों को बलिदानी बताया है। कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता ने मीडिया से बड़ी बेशर्मी से कहा कि इस पर राजनीति नहीं, इसकी गहनता से जांच होनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस के इस बयान पर कड़ा प्रहार किया है, उन्होंने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर कहा कि, कांग्रेस पार्टी का ये निकृष्ट बयान... लोकतंत्र पर प्रहार है। सुरक्षा बलों के मनोबल पर प्रहार है। सुरक्षा बलों के पराक्रम पर प्रहार है।
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता पर प्रहार है। नक्सलियों को बलिदानी मानने वाली कांग्रेस ने 5 साल बस्तर में इसी मानसिकता से कार्य किया है। शर्मनाक।
वहीं छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री के पलटवार ने कांग्रेस पार्टी को निरुत्तर कर दिया है, कांग्रेस लगातार सेल्फ गोल करती नजर आ रही है और उप मुख्यमंत्री अरुण साव उन्हें राजनितिक रूप से बेनकाब करते जा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने जवानों के शौर्य पर सवाल उठाया हो, इससे पहले भी कई मौकों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जवानों के पराक्रम पर सवाल उठाते दिखे हैं।