केरल के त्रिशूर शहर में प्रसिद्ध वडक्कुनाथन शिव मंदिर में आयोजित होने वाले ‘त्रिशूर पूरम’ उत्सव में 19 और 20 अप्रैल की रात हजारों शिवभक्त शामिल हुए. बताया जा रहा है कि प्रदेश के वामपंथी सरकार ने यहां पर भारी पुलिस बल भेजकर इस उत्सव पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए है. इस दौरान हिंदुओं में भारी आक्रोश देखा गया है. सवाल यह है कि क्या केरल की पिनाराई विजयन सरकार हिंदू विरोधी है ?
जानकारी के लिए बता दें इतिहास में पहली बार आतिशबाजी दिन में करनी पड़ी. इसके कारण हिंदुओं में भारी गुस्सा है. बता दें कि आतिशबाजी से पहले स्वराज दौर में कई प्रतिबंध लगाए जाने के कारण तिरुवंबड़ी देवास्वोम के सदस्यों की पुलिस के साथ बहस हो गई. वहीं, इसके बाद देवास्वोम अधिकारी ने पूरम कार्यवाही बंद कर दी. बता दें कि तिरुवंबड़ी मंदिर में केवल एक हाथी की उपस्थिति में पारंपरिक रीति-रिवाज सादे तरीके से आयोजित की गई.
वहीं, जो आतिशबाजी सुबह 3 बजे निर्धारित थी, वह सुबह 7 बजे हुई. यही नही, पुलिस पर हिंदुओं के साथ अभद्रता करने का आरोप भी लगा है. बता दें कि मंदिर प्रशासन एवं आयोजन समिति के साथ पुलिस का किसी तरह का कोई समन्वय नहीं था. वहीं, जारी किए गए पासों के बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी. उत्सव के दौरान पुलिस के भारी हस्तक्षेप के कारण थिरिवाम्बडी मंदिर में सुबह की पूजा के दौरान हंगामा मच गया.
बता दें कि हाथी यात्रा के दौरान भी तनाव बढ़ गया. वहीं, परमेक्कावु मंदिर में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आईं. पुलिस ने पूरम परिसर में अचानक रस्सी के बैरिकेड लगा दिए, जिससे पूरम आयोजक नाराज हो गए.