सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के बाद अमेरिकी टिप्पणी से भारत ने जताई नाराजगी, कहा...

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका की ओर से टिप्पणी की गई है. दरअसल, अमेरिका ने भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की थी जिसपर भारत ने नाराजगी जताई है.

Divya Kumari
  • Mar 27 2024 5:27PM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका की ओर से टिप्पणी की गई है. दरअसल, अमेरिका ने भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की थी जिसपर भारत ने नाराजगी जताई है. बता दें भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार यानी की 27 मार्च को भारत में अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया है. 

भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और अमेरिकी डिप्लोमैट के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी किया है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है की "भारत में कुछ कानूनी कार्यवाहियों के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर हम कड़ी आपत्ति जताते हैं.

कूटनीति में इस बात की अपेक्षा की जाती है की किसी भी देश से दूसरे देशों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा करें. अगर मामला सहयोगी लोकतांत्रिक देशों का हो तो यह जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है. ऐसा ना होने पर गलत उदाहरण पेश होते हैं. 

बता दें केवल अमेरिका ही एकलौता देश नहीं जो भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी कर रहा है. अमेरिका से पहले जर्मनी भी जर्मनी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा इस मामले में जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एन्जवीलर को तलब किया गया था. भारत ने इसे देश की आंतरिक घटना बताकर जर्मन पक्ष की टिप्पणियों पर कड़ा विरोध जताया था.

जर्मनी ने क्या कहा था? 

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद जर्मनी ने कहा था कि हम इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हम उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता, बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक इस मामले में लागू होंगे. केजरीवाल को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा अधिकार है.

भारत ने क्या दी थी प्रतिक्रिया?


जर्मनी के टिप्पणी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा था की जर्मनी की टिप्पणी को हम भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता में दखल के रूप में देखते हैं. भारत एक मजबूत कानून व्यवस्था वाला देश है और इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा.

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार