केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी मंगलवार को असम में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए विपक्ष के दावों पर जोरदार पलटवार किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष का आरक्षण खत्म करने वाली बात निराधार है.
आप सभी जानते हैं कि 7 चरणों में होने वाले चुनाव के 2 चरण समाप्त हो चुके हैं. इन दो चरणों के बाद हमारी पार्टी के Internal Assessment के हिसाब से भाजपा और साथी दल मिलकर 100 के आगे निकल चुके हैं. और हम बड़े विश्वास के साथ जनता के आशीर्वाद और समर्थन से 400 पार के हमारे लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
भाजपा को दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु सहित पूरे देश में शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है. इस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण, हमें विश्वास है कि हम निश्चित रूप से '400 पार' की उपलब्धि हासिल करेंगे.
असम, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि सभी राज्यों में हमे बहुत बड़ी चुनावी सफलता मिल रही है. इसके साथ-साथ दक्षिण भारत में भी भाजपा को बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. कुछ दिन से कांग्रेस ने हमारे 400 पार के लक्ष्य को ट्वीस्ट करना शुरू किया है.
कांग्रेस झूठ फैलाकर जनता के बीच में भ्रांति पैदा करना चाहती है : अमित शाह
वो अपप्रचार कर रहे हैं कि भाजपा 400 पार करने के बाद संविधान बदल देगी और आरक्षण को समाप्त कर देगी. ये दोनों चीजें निराधार और तथ्यहीन है. कांग्रेस झूठ फैलाकर जनता के बीच में भ्रांति पैदा करना चाहती है. मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि भाजपा SC/ST, OBC के आरक्षण की समर्थक है और हमेशा इसके संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएगी.
SC/ST, OBC के आरक्षण पर किसी राजनीतिक दल में अगर डाका डाला है, तो वो कांग्रेस पार्टी ने डाला है. सबसे पहले उन्होंने संयुक्त आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण दिया, जिसके कारण OBC का रिजर्वेशन कटा. उसके बाद कर्नाटक में उन्होंने रातों-रात बिना किसी सर्वे, पिछड़ापन तय किए बगैर सारे मुसलमानों को OBC कैटेगरी में डालकर उनके लिए 4% का कोटा रिजर्व कर दिया, इससे भी पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन कटा है.
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी हमारे '400 पार' लक्ष्य को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है. कांग्रेस यह प्रचार कर रही है कि बीजेपी के '400 पार' मिशन का मकसद संविधान को बदलना और आरक्षण को खत्म करना है. ये दोनों ही बातें बिल्कुल निराधार और अर्थहीन हैं.
हम मतदाताओं को कभी भी अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के नजरिए से नहीं देखते. प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक है और उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए. भाजपा को पूरा विश्वास है कि वह असम में कम से कम 12 सीटें जीतेगी.