अपने एयरकंडीशनर लगे घरों में जब भी हम आराम कर रहे होते हैं और शांति का अनुभव ले रहे होते हैं. तब उस समय हम भूल रहे होते हैं कि कहीं गोलियों की कान फाड़ देने वाली तड़तड़ाहट और कहीं बारूद की प्रलयंकारी आवाजें को अपने सीने पर झेल कर इस शांति को स्थापित कर रहा है ..
खतरा सिर्फ सीमा पार से होता तो शायद सैनिकों को इतनी दिक्कत न होती पर देश के अंदर हमारे और आपके बीच छिपे गद्दारो को पहले तलाशना फिर उन्हें खत्म करना भूसे के ढेर में गिरी सुई तलाशने जैसा कठिन कार्य होता है और ऐसा ही कार्य देश के अंदर छिपे नक्सल नाम के कलंक को धोते हुए कर रही है. हनारे राष्ट्र की रक्षक CRPF.
वो आज ही का दिन था जब हमारे वतन के 8 जांबाज़ छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक नक्सल अभियान के लिए निकले थे जो बुलेटप्रूफ वाहनों से थे. गद्दारों की मुखबिरी के चलते रास्ते मे ही बारूदी सुरंग बिछा कर रखी गयी थी. जिसकी चपेट में वो वाहन आ गया था और वविस्फोट से पूरा वाहन उड़ गया जिसमें सवार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 8 जवान अमरता को प्राप्त हुए थे.
इस हमले से बाकी वीर जवानों के मनोबल पर जरा सा भी असर नही हुआ और उन्होंने अपने बलिदान साथियों से प्रेरणा लेते हुए दोगुने जोश से आगे की लड़ाई लड़ी जिसके बाद नक्सल नाम के इस कलंक की कमर तोड़ डाली और आज धीरे धीरे विदेशी ताकतों के दम पर खड़ा हुआ ये नापाक ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर आ चुका है जिसका सबसे ज्यादा श्रेय CRPF के वीरों को जाता है.
इस मामले पर बाद में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन ने बताया था कि नक्सलियों ने कोरेताल के जंगली इलाके में एक बुलेट प्रूफ वाहन को उड़ा दिया. हमले में CRPF के 8 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे और कुछ घायल हुए थे. नक्सलियों के हमले में वीरगति पाने वाले ये अमर योद्धा सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन के थे.
ये घटना बीजापुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 480 किलोमीटर दूर की थी जिन्हें बाद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई मिली थी. आज राष्ट्र पर सदा के लिए बलिदान हुए उन अमर योद्धाओं को सुदर्शन न्यूज उनके बलिदान दिवस पर याद करते हुए उनकी गौरवगाथा को सदा सदा के लिए अमर रखने का संकल्प लेता है.