इनपुट-रोहित बाजपेई, लखनऊ
दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य 19 दिसम्बर, 2024 से 25 दिसम्बर, 2024 के मध्य सुशासन सप्ताह मनाये जाने के परिप्रेक्ष्य मे 24 दिसम्बर, को संस्थान के सभागार में एक दिवसीय “सुशासन” विषयक कार्यशाला का आयोजन संस्थान के अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यशाला में संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला का संचालन संस्थान के डॉ0 एस0के0 सिंह, सहायक निदेशक द्वारा किया गया। कार्यशाला के शुभारंभ से पूर्व स्व0 अटल जी के चित्र पर अपर निदेशक संस्थान द्वारा माल्यार्पण करने के उपरान्त संस्थान के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा श्रद्धासुमन के रूप में पुष्प अर्पित करते हुये श्रद्धांजलि प्रदान की गयी। कार्यशाला में संस्थान के डॉ0 अशोक कुमार, सहायक निदेशक, डॉ0 नीरजा गुप्ता, उप निदेशक, सुबोध दीक्षित, उप निदेशक तथा संस्थान के सलाहकार हेमेन्द्र शर्मा द्वारा अटल जी के जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण विषयों तथा सुशासन विषयक सप्ताह मनाये जाने के सन्दर्भ में अपने-अपने दृष्टिकोण से प्रासंगिक एवं उपयोगी विचार प्रकट किये गये ।
कार्यशाला के अध्यक्षीय सम्बोधन के अन्तर्गत संस्थान के अपर निदेशक बी0डी0 चौधरी द्वारा सर्वप्रथम स्व0 अटल के साहित्यिक, पत्रकारिता एवं राजनीतिक जीवन के विषय में संक्षिप्त परिचय कराते हुये उनके प्रधानमंत्रित्व काल के उल्लेखनीय कार्यों एवं राष्ट्रहित निर्णयों पर व्याख्यान दिया तथा सुशासन सप्ताह मनाये जाने के विषय में सारगर्भित रूप से बताया कि सुशासन व्यवस्था के अन्तर्गत तीन प्रासंगिक विषय समाहित हैं यथा- जनसहभागिता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही। इन्हीं तीन घटकों के चारों ओर सम्बन्धित रचनात्मक क्रिया-कलाप आते हैं। मुख्य रूप से जन शिकायत प्रणाली, डायल-112, सी0एम0 हेल्प लाईन, जनता दर्शन, सम्पूर्ण समाधान दिवस, थाना समाधान दिवस के माध्यम से प्राप्त समस्त लोक शिकायतों का मुख्यालय/मण्डल/जनपद/तहसील स्तर पर शिविरो का आयोजन कर निस्तारण किये जाने के साथ विभिन्न विभागों द्वारा नागरिकों को दी जा रही सर्विस डिलिवरी के अन्तर्गत प्राप्त समस्त आवेदनो का निस्तारण एवं ई-प्रणाली के माध्यम से निविदा व्यवस्था को क्रियान्वित करना इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों को सुरक्षित ढंग से निष्पादित किया जाता है।
कार्यशाला के आयोजन एवं प्रबन्धन के दृष्टिगत संस्थान के आलोक कुमार कुशवाहा, सहायक निदेशक, राजीव कुमार दुबे, सहायक निदेशक, डॉ0 सीमा राठौर, सहायक निदेशक, ई0 मोहित यादव, संकाय सदस्य एवं मो0 शहंशाह, प्रचार सहायक का महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा ।