कर्नाटक
में मंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में जुमा मस्जिद में नवीनीकरण कार्य के दौरान एक वास्तुशिल्प
संरचना मिली थी। यह संरचना हिंदू मंदिर जैसी थी। संरचना मिलने के बाद इस मामले मेंसुनवाई शुरू
हुई थी। स्थानीय लोगों ने मस्जिद के अंदर से हिंदू संरचना निकलने के बाद यह कहा था
कि इस बात की पूरी आशंका है कि इस स्थल पर एक हिंदू या जैन मंदिर था, क्योंकि इसमें कलश, तोमर और स्तंभ
दिखाई दे रहा है। अदालत ने विवादित ढाँचे की सुनवाई 9 नवंबर, 2022 तक के लिए स्थगित
कर दी है।
बता
दें कि कर्नाटक में मंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में जुमा मस्जिद में नवीनीकरण कार्य
के दौरान एक वास्तुशिल्प संरचना मिली थी। यह संरचना हिंदू मंदिर जैसी थी। संरचना मिलने
के बाद इस मामले में सुनवाई शुरू हुई थी। अदालत ने विवादित
ढाँचे की सुनवाई 9 नवंबर, 2022 तक के लिए स्थगित
कर दी है। स्थानीय लोगों ने मस्जिद के अंदर से हिंदू संरचना निकलने के बाद यह
कहा था कि इस बात की पूरी आशंका है कि इस स्थल पर एक हिंदू या जैन मंदिर था, क्योंकि इसमें कलश, तोमर और स्तंभ दिखाई
दे रहा है। क्य़ोकि कलश, तोमर और स्तंभ दिखाई य़ा इससे यह
प्रमाऩित हो जाता है कि यहां अवश्य ही कोई मंदिर था। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद
के नेताओं ने जिला प्रशासन से अपील कर कहा कि वो दस्तावेजों की सत्यता की जांच
होने तक काम रोक दे। इसके बाद 25 मई, 2022 को विश्व
हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गंजिमुत में श्री रामंजनेय भजन
मंदिरा थेनकुलीपदी में अनुष्ठान किया। इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने ये पूजा मस्जिद के जीर्णोद्धार के दौरान मिले
मंदिर जैसे ढाँचे पर हो रहे विवाद के समाधान के लिए की।
इसके
साथ ही स्थान विशेष में दैवीय शक्तियाँ हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए हिंदू
संगठनों ने मौके पर देवत्व स्थापित करने की ‘रस्म’ निभाई थी। साथ ही थेनकुलीपाडी में
अनुष्ठान किया गया
था। किसी भी तरह की
अनहोनी न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस कमिश्नर ने गाँव के मलाली में
जुमा मस्जिद के 500 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके साथ ही क्षेत्र
में भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया था ताकि शांति व्यवस्था को
बनाए रखा जा सके।
जानकारी के अनुसार,
मस्जिद के
अंदर से मंदिर का ढ़ाचा निकलने के बाद हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में चिंता
जताई थी और इसकी जाँच की माँग की थी। इसके जवाब में मस्जिद प्रबंधन समिति ने इसके
विपक्ष में एडिशनल सिविल कोर्ट में अर्जी दर्ज की थी। इस अर्जी के विपक्ष में मस्जिद
समिति के वकील ने तर्क दिया था कि यह मस्जिद वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उन्होंने
हिंदुओं की याचिका रद्ध करने की माँग की थी। साथ ही भाजपा
के विधायक भरत शेट्टी ने घटनास्थल की एएसआई से सर्वे कराने की माँग की थी।