दिल्ली में ठंड का असर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर भी उच्चतम हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में GRAP-3 के तहत कुछ अहम प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया है। पहले जब प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ था, तब इसे हटा लिया गया था, लेकिन अब फिर से इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
वायु प्रदूषण का स्तर
हालिया आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुका है। पिछले 24 घंटों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम 4 बजे 371 तक पहुंच गया, जो कि 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। इसके अलावा, सुबह 9 बजे AQI 351 था, जबकि सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 100 प्रतिशत तक रिकॉर्ड की गई थी। मौसम विभाग और उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमान के अनुसार, खराब मौसम के कारण वायु गुणवत्ता में और गिरावट होने की संभावना है।
GRAP-3 के तहत लागू प्रतिबंध
1. वाहनों पर प्रतिबंध:
GRAP-3 के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस 3 पेट्रोल इंजन और बीएस 4 डीजल इंजन वाले हल्के वाहनों (कार) का उपयोग करने की छूट मिलेगी।
2. मालवाहन:
दिल्ली में बीएस-4 डीजल इंजन वाले मीडियम गुड्स व्हीकल (MGV) पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा। हालांकि, केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी।
3. बाहरी राज्य से आने वाले वाहन:
दिल्ली से बाहर पंजीकृत बीएस-4 और पुराने डीजल इंजन वाले वाहनों को अब GRAP-3 के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यह प्रावधान पहले चौथे चरण में था।
4. स्कूलों के लिए निर्देश:
दिल्ली और एनसीआर के स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराई जा सकती है। अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षाओं का चयन कर सकते हैं।
5. सरकारी कार्यालयों का समय:
दिल्ली सरकार और एनसीआर के राज्य सरकारों के विभागों और सिविक एजेंसियों के कार्यालयों के समय में बदलाव किया जा सकता है, ताकि प्रदूषण का प्रभाव कम किया जा सके।
इस तरह के प्रतिबंधों के तहत, संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नए प्रावधानों का पालन किया जा रहा है। प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इन कदमों को उठाया गया है, ताकि राजधानी में वायु गुणवत्ता बेहतर हो सके और नागरिकों को इसके खतरनाक प्रभाव से बचाया जा सके।