आज सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी व उनकी धर्मपत्नी माया चव्हाणके जी की वैवाहिक वर्षगांठ है.. देश विदेश से सुरेश जी को और माया चव्हाणके जी को शुभकामनाएं मिल रही हैं.. सुरेश जी ने भी अपने पूरे परिवार की तरफ से अपने सभी समर्थकों व शुभचिंतको को धन्यवाद दिया है..
वहीं, ऐसे विशेष दिन में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आज का मुकाम क्या इतना आसान था ? और यदि ये मुश्किल था तो इसके संघर्ष का इतिहास क्या है ? आइये जानते हैं हमारा इतिहास व हमारी भावपूर्ण अपील. बाल्यकाल से ही राष्ट्र और धर्म प्रेम की शिक्षा से ओत प्रोत, एक राष्ट्रवादी कुल मे जन्मे सुरेश चव्हाणके जी जिन्हे बचपन से ही सत्य सनातन धर्म की चिंता थी.
किशोरावस्था मे राष्ट्रवादी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नेतृत्व किया.. अन्याय , अत्याचार , भ्रष्टाचार के विरुद्ध सदा से एक बुलंद आवाज़ बनने की प्रेरणा ने उन्हे सर्वथा विषम परिस्तिथि मे भी एक न्यूज चैनल खोलने के लिए प्रेरित किया. यही चैनल बाद मे धर्म और राष्ट्र की एक बुलंद आवाज़ बना जो देश और दुनिया के आगे सुदर्शन न्यूज के रूप मे सामने आया. वो सुदर्शन जिसकी चर्चा समर्थकों से ज्यादा विरोधियों में हनक के रूप में रही है.
धर्म प्रेम और राष्ट्रवाद की बुनियाद पर खड़े सुदर्शन चैनल को इसके शुरुआत से ही कमजोर और अस्थिर करने की साजिशे चलती आ रही थी. कभी देश विदेश के विभिन्न नंबरों से प्राणघातक धमकियां दे कर कभी कार्यालय और निवास के आस पास संदिग्ध गातविधियां कर के सुरेश चव्हाणके जी और उनके पूरे परिवार के मोबाईल नंबरों और कार्यालय के विभिन्न लैंडलाईन नंबरों पर आए अनगिनत फ़ोन और मैसेजों की जीवंत डीटेल इसके सबसे बड़े साबित प्रमाण हैं.
परंतु सुरेश जी ने हर बार इन विषम हालातों का सामना अटलता से किया. राष्ट्र और धर्मप्रेमियों से इस विषम परिस्तिथि मे ये भावपूर्ण अपील की जाती है कि धर्म मार्ग पर निर्भीकता और अटलता से बढ़ रहे सुदर्शन परिवार का साथ दें ...हम धर्मस्थापना के लिए संघर्ष कर रहे हैं. हम विधर्म, अन्याय, भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक आवाज़ हैं. हमारी भावी योजनाओं मे अखंड भारत, रामराज्य की पुनर्स्थापना, गौ संरक्षण, विश्वगुरु भारत, गुरुकुल पुनर्स्थापना, वैदिक सामाजिक सिद्धांत प्रमुख हैं.
हमारा कार्य व्यक्तिगत नही सामाजिक है, हमारा कार्य दोषपूर्ण नही धार्मिक है, हमारा वचन संदेहास्पद नही अटल है. राष्ट्र निर्माण और धर्म पुनर्स्थापना मे हमारे इस अभियान का हिस्सा बनें, चाहे व्यक्तिगत जुड़ कर या अपने शुभआशीष से... झूठे, धोखेबाज़, विधर्मी, गद्दार, लोभी व्यक्तियों के विरुद्ध आपका आशीष और स्नेह ही हमारी प्रमुख शक्ति है. कृपया इसे बनाए रखें....