त्रिपुरा सरकार ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के डिजिटल इंडिया भाषिनी डिवीजन (DIBD) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता, माननीय मुख्यमंत्री प्रो. डॉ. माणिक साहा के मार्गदर्शन में, राज्य के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, ताकि त्रिपुरा की समृद्ध क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग बढ़ सके और नागरिकों की डिजिटल भागीदारी को इन भाषाओं के माध्यम से सरकारी कार्यों में सुगम बनाया जा सके।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह अग्रतला के प्रज्ञा भवन में आयोजित किया गया, जहां एक राज्यस्तरीय कार्यशाला 'भाषिनी राज्य' का उद्घाटन श्री प्रणजीत सिंहा रॉय, माननीय त्रिपुरा आईटी मंत्री, के द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री किरण गिटे, सचिव आईटी, त्रिपुरा सरकार, श्री अमिताभ नाग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), DIBD, MeitY, और श्री जया रगुल गेहन बी, निदेशक आईटी, त्रिपुरा सरकार भी उपस्थित थे। भाषिनी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य 22 भारतीय भाषाओं में नागरिकों के लिए निर्बाध संवाद और इंटरनेट की पहुँच सुनिश्चित करना है। आवाज़ के माध्यम से, भाषिनी डिजिटल और साक्षरता की खाई को पाटने का लक्ष्य रखता है।
कार्यशाला में भाषिनी के डिजिटल समावेशन के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया, जिसमें इसके सॉफ़्टवेयर क्षमताओं जैसे रीयल-टाइम अनुवाद, स्पीच-टू-टेक्स्ट, टेक्स्ट-टू-स्पीच, और भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी के बीच आवाज़-से-आवाज़ अनुवाद का प्रदर्शन किया गया। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) का उपयोग उच्च सटीकता वाले अनुवादों के लिए किया गया और राज्य के साथ-साथ DIBD की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, त्रिपुरा सरकार के डिजिटल प्लेटफार्मों और सॉफ़्टवेयर अनुप्रयोगों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों पर भी चर्चा की गई, ताकि डिजिटल खाई को कम किया जा सके और त्रिपुरा की विविध भाषाई समुदायों के लिए समावेशन बढ़ाया जा सके।
वर्तमान में त्रिपुरा के कई नागरिक भाषा अवरोधों के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, जहां लोग अंग्रेजी या हिंदी में सॉफ़्टवेयर सिस्टम का उपयोग करने में कठिनाई महसूस करते हैं। भाषिनी मौजूदा प्रणालियों जैसे सीएम हेल्पलाइन, ईविधान, किसान सहायता ऐप और ई-डिस्ट्रिक्ट्स के साथ एकीकृत हो सकता है ताकि बहुभाषी संवाद को सक्षम किया जा सके। यह अमर सरकार जैसे ऐप्स के माध्यम से स्थानीय शासन को बेहतर बना सकता है और बहुभाषी तकनीकों से शिक्षा में सुधार कर सकता है। भाषिनी CCTNS प्लेटफ़ॉर्म को भी समर्थन प्रदान कर सकता है, FIRs का अनुवाद करने और वॉयस-आधारित डेटा एंट्री को सक्षम करने में मदद कर सकता है। भाषिनी त्रिपुरा की क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं में इंटरनेट की पहुँच को सरल बना कर डिजिटल खाई को कम करेगा।
त्रिपुरा गर्व से उत्तर-पूर्व का पहला राज्य, पूर्वी भारत का पहला राज्य और देश का आठवां राज्य बन गया है जिसने भाषिनी के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अग्रणी कदम त्रिपुरा की डिजिटल समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता और नागरिक केंद्रित शासन को प्रौद्योगिकी के माध्यम से बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। त्रिपुरा की पहल उसे उन राज्य सरकारों के बीच शामिल करती है, जिन्होंने भाषिनी पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्यशालाएं आयोजित की हैं, जिनमें से केवल चार अन्य राज्यों ने इसी प्रकार के कदम उठाए हैं।
त्रिपुरा के ई-गवर्नेंस सॉफ़्टवेयर में भाषिनी का एकीकरण डिजिटल खाई को पाटेगा, किफायती अनुवाद प्रदान करेगा, समावेशी नीति कार्यान्वयन को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय पहचान को सशक्त करेगा। यह समझौता ज्ञापन भाषिनी के त्रिपुरा के शासन प्रणालियों में निर्बाध एकीकरण को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। MeitY के डिजिटल इंडिया भाषिनी डिवीजन (DIBD) द्वारा समर्थित, यह पहल नागरिकों को भाषा अवरोधों को समाप्त करके आवश्यक सेवाओं तक बहुभाषी पहुँच प्रदान करती है। भाषिनी को लागू करने से त्रिपुरा की भाषाई विविधता और भी एकजुट होगी, जिससे एक अधिक समावेशी और जुड़े हुए समाज का निर्माण होगा।