सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को आर्थिक सहयोग करे

Donation

निजीकरण के विरोध में वाराणसी में हुई विशाल "बिजली पंचायत", निर्णय वापस लेने का पीएम व सीएम को भेजा गया प्रस्ताव

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने ऐलान किया कि आगामी 17 दिसंबर को आगरा में कर्मचारियों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी।

Rajat Mishra
  • Dec 14 2024 7:57PM

इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ

 
वाराणसी में हुई विशाल बिजली पंचायत में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय वापस लेने का प्रस्ताव पारित कर वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा गया। बिजली पंचायत में हजारों की संख्या में बिजली कर्मी और आम उपभोक्ता सम्मिलित हुए। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने ऐलान किया कि आगामी 17 दिसंबर को आगरा में कर्मचारियों, किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी।
     
वाराणसी की बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि चार वर्ष पूर्व भी वर्ष 2020 में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया गया था। संघर्ष समिति से वार्ता के बाद उप्र के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ 06 अक्टूबर 2020 को हुए लिखित समझौते में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय वापस लिया जाता है। समझौते में यह भी लिखा गया है कि उप्र के ऊर्जा निगमों में कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना कहीं पर भी किसी प्रकार का निजीकरण नहीं किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि अब निजीकरण का यह एकतरफा लिया गया निर्णय इतने बड़े स्तर पर हुए लिखित समझौते का खुला उल्लंघन है जो अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण एक बड़ी साजिश है। आर एफ पी डॉक्यूमेंट जारी होते ही इस साजिश का खुलासा हो जाएगा। मात्र एक रुपए में पूरे 21 जनपदों की जमीन निजी घरानों को सौंपना किसके हित में है, यह सभी समझते हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि अरबों खरबों रु की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की परिसंपत्तियों का सी ए जी से आडिट कराए बिना मात्र 1500 करोड़ रुपए की रिजर्व प्राइस के आधार पर निजीकरण करने का क्या मतलब है? संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की अरबों रुपए की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल निजी कम्पनी को बेचा जा रहा है जिसे न कर्मचारी स्वीकार करेंगे और न ही आम उपभोक्ता।
    
वाराणसी की बिजली पंचायत ने एक स्वर से पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को अस्वीकार्य कर दिया और सरकार से मांग की कि निजीकरण का प्रस्ताव उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के हित में तत्काल वापस लिया जाय जिससे ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति न हो। बिजली पंचायत के बाद उपभोक्ताओं और कर्मचारियों ने शान्ति पूर्वक पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय तक पैदल मार्च किया। मुख्यालय पर ज्ञापन लेने के लिए प्रबंधन का कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं था। अतः संघर्ष समिति के निर्देश पर सभी लोग शांति पूर्वक वापस चले गए।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार