इनपुट-रोहित बाजपेई, लखनऊ
महाकुम्भ 2025 के दौरान रेलवे ने श्रद्धालुओं की यात्रा को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ विशेष रंगों (Color coding )का प्रयोग किया जाएगा। यह प्रयोग यात्रियों को उनकी ट्रेन और प्लेटफार्म तक आसानी से पहुँचने में मार्गदर्शन करेगा। इस अभिनव पहल का उद्देश्य महाकुम्भ के दौरान भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाना और यात्रियों की यात्रा को अधिक सरल और सुरक्षित बनाना है।
इस कलर कोड का उपयोग यात्रियों के गंतव्य की पहचान और उनके यात्रा मार्ग को स्पष्ट करने के लिए किया जाएगा। यह कलर कोड एक विशिष्ट रंग का होगा जो यात्रियों को सही आश्रय स्थल तक पहुँचने में सहायक होगा । इससे महाकुम्भ के दौरान यात्रियों को भ्रमित होने से बचाया जा सकेगा और भीड़-भाड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। प्रयाग जंक्शन पर वाराणसी एवं जौनपुर की ओर जाने वाले श्रद्धालु गेट नंबर 2 से प्रवेश करेंगे और पीले रंग के आश्रय नंबर 2 में जाएंगे। वहीं लखनऊ की ओर जाने वाले यात्री गेट नंबर 3 से प्रवेश करेंगे और हरे रंग के आश्रय नंबर 3 में जाएंगे।
अयोध्या की ओर जाने वाले यात्री गेट नंबर 3 से प्रवेश करेंगे और नीले रंग के आश्रय नंबर 4 में जाएंगे फाफामऊ पर वाराणसी एवं जौनपुर की ओर जाने वाले श्रद्धालु गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और पीले रंग के आश्रय नंबर 1 में जाएंगे। वहीं लखनऊ की ओर जाने वाले यात्री गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और हरे रंग के आश्रय नंबर 2 में जाएंगे। जबकि अयोध्या की ओर जाने वाले यात्री गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और नीले रंग के आश्रय नंबर 3 में जाएंगे।
रेलवे प्रशासन का यह कदम महाकुम्भ के आयोजन को और भी सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यात्रियों को इस रंगों के आधार पर सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे यात्रा में सहजता आएगी और यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह कोडिंग न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि रेलवे प्रशासन के लिए भी भीड़ प्रबंधन और यात्रियों की सुविधा में सुधार लाएगी। रेलवे प्रशासन यात्रियों से सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि महाकुम्भ 2025 के दौरान उनकी यात्रा को यादगार और सुगम बनाया जा सके। यह पहल न केवल रेलवे की प्रबंधन क्षमता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यात्रियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।