सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

Manipur Violence: मणिपुर में 'फ्री मूवमेंट' के फैसले के बाद फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों के हमले में 27 सुरक्षाकर्मी घायल, एक की मौत

मणिपुर में जातीय हिंसा का नया मोड़, कुकी समुदाय के विरोध में सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी और गोलियां, सरकार के फैसले पर विवाद जारी।

Ravi Rohan
  • Mar 9 2025 9:16AM

मणिपुर में शनिवार, 8 मार्च को एक बार फिर बड़ी हिंसा भड़क उठी। केंद्र सरकार के 'फ्री मूवमेंट' फैसले, जिसके तहत लोगों को बिना किसी रोक-टोक के एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन की अनुमति दी गई थी, के पहले दिन ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस हिंसा में 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर है, जबकि 40 नागरिकों को भी चोटें आईं, जिनमें से 10 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत की खबर है। मणिपुर में पिछले चार महीनों में यह सबसे बड़ी हिंसा थी।

कुकी समुदाय का विरोध और बसों पर हमले

शनिवार को 'फ्री मूवमेंट' के लागू होने के साथ ही कांगपोकपी जिले में कुकी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और राज्य परिवहन की बसों की आवाजाही को रोकने की कोशिश की। कांगपोकपी जिला एक कुकी बहुल इलाका है, और यहां प्रदर्शनकारियों ने इंफाल से सेनापति जाने वाली एक बस पर पथराव किया। जब सुरक्षाकर्मियों ने विरोध को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, जिसके बाद हालात बिगड़ने लगे।

पुलिस की कार्रवाई और हिंसा

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि गामगीफाई में भीड़ ने बसों पर पथराव किया। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस और अन्य बल प्रयोग किए, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर सड़क अवरोध लगाए और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी भी की। पुलिस ने बताया कि इम्फाल से लगभग 37 किलोमीटर दूर कीथेलमैनबी में झड़प के दौरान एक व्यक्ति, लालगौथांग सिंगसिट की गोली लगने से मौत हो गई।

हिंसा की जड़ में क्या था?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आदेश के बाद 8 मार्च से मणिपुर में 'फ्री मूवमेंट' की प्रक्रिया लागू होने वाली थी, जिससे कुकी और मैतेई समुदायों के लोग एक-दूसरे के इलाकों में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकेंगे। हालांकि, कुकी समुदाय के कुछ संगठनों ने इसका विरोध किया था, और उनके अनुसार, जब तक उनकी आठ सूत्री मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे मैतेई लोगों को आदिवासी इलाकों में घुसने नहीं देंगे।

मणिपुर में लगातार जारी तनाव

मणिपुर में दो साल से जातीय हिंसा का दौर जारी है, और अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। मैतेई समुदाय मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि कुकी समुदाय पहाड़ी इलाकों में बसा हुआ है। इन दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ने से स्थिति लगातार बिगड़ रही है।

आगे की राह: कुकी-जो काउंसिल का विरोध

कुकी-जो काउंसिल (KJC) ने हिंसा के बाद पहाड़ी जिलों में अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार की हालिया कार्रवाई के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ा है, और उन्होंने इस घटना की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर डाली है। KJC ने यह भी स्पष्ट किया कि वे 'फ्री मूवमेंट' की गारंटी नहीं दे सकते और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी नहीं लेंगे।

मणिपुर में बढ़ते तनाव के बीच समाधान की तलाश

मणिपुर में लगातार बढ़ते तनाव और हिंसा के बीच, सरकार को इस विवाद का स्थायी समाधान ढूंढने की जरूरत है, ताकि वहां के नागरिकों के बीच शांति और सुरक्षा स्थापित की जा सके।

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

संबंधि‍त ख़बरें

ताजा समाचार