संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पार्टी, खासकर गांधी परिवार, और उनके इतिहास का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान संविधान का उल्लंघन किया गया था। मोदी ने कहा कि यह आपातकाल संविधान की धज्जियां उड़ाने और लोकतंत्र के खिलाफ एक काला धब्बा था।
प्रधानमंत्री ने संविधान के 25 वर्षों के समय में लोकतंत्र के खिलाफ किए गए कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब देश संविधान की सालगिरह मना रहा था, तब संविधान को निलंबित कर आपातकाल लागू कर दिया गया, नागरिकों के अधिकारों पर अंकुश लगाया गया और प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया।
संविधान की शक्ति और देश की प्रगति पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संविधान की ताकत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संविधान ही था जिसने उन्हें और कई अन्य लोगों को अवसर दिया। उन्होंने कहा, "संविधान की शक्ति के बिना यह संभव नहीं था कि मैं तीन बार प्रधानमंत्री बन पाता। संविधान ने लोकतंत्र को मजबूती दी है और हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा की है।"
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान का सम्मान करना सभी भारतीयों का कर्तव्य है और यह हर भारतीय के लिए गर्व का विषय होना चाहिए। उन्होंने संविधान निर्माता और देशवासियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र ने अपने सफर में तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हर बार लोकतंत्र को मजबूत किया गया है।
कांग्रेस पर संविधान के साथ समझौता करने का आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर संविधान के प्रति अपने दुराचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का इतिहास सत्ता और सत्ता की भूख से भरा हुआ है। उन्होंने संविधान में संशोधन तो किए, लेकिन वह केवल अपनी सत्ता के लिए थे। हमारे संविधान संशोधन देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किए गए हैं।"
गांधी परिवार पर हमला: आरक्षण विरोध और अपमान
प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी परिवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के समय में कांग्रेस ने आरक्षण के खिलाफ कई बार बयान दिए और इसके विरोध में लंबी चिट्ठियां लिखीं। उन्होंने कहा, "जब बाबा साहब अंबेडकर ने भारत में सामाजिक समानता के लिए आरक्षण की आवश्यकता जताई, तब कांग्रेस ने इसे नकारा और दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाले रखा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 संकल्पों की घोषणा की
प्रधानमंत्री ने देश की प्रगति के लिए 11 संकल्पों का उल्लेख किया, जिनमें भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, और संविधान का सम्मान शामिल है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक और सरकार को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर वर्ग को विकास का समान लाभ मिले।
जीएसटी और डिजिटल समावेशन पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी को देश की आर्थिक एकता को मजबूत करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने भारत में एक साझा बाजार की नींव रखी और व्यापार को नई गति दी। डिजिटल क्षेत्र में समान अवसर की आवश्यकता को देखते हुए मोदी ने कहा कि डिजिटल क्रांति के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अवसर मिलेंगे।
महिलाओं की भूमिका पर जोर
प्रधानमंत्री ने महिलाओं के योगदान और उनके नेतृत्व को प्राथमिकता देने की बात की। उन्होंने कहा, "हमारे लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था का भविष्य महिलाओं की शक्ति में निहित है। जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा।" प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 और 35A का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान का पहला और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा संसद है और इन्हें खत्म करने के निर्णय से संविधान को मजबूती मिली है।