राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के गांगड़तलाई स्थित सोडलादूधा गाँव से एक घर वापसी की खबर सामने आई है। इस गाँव में पिछले कुछ सालों में धर्मांतरण की घटनाएँ चर्चा में रही थीं, लेकिन अब यहां के लोग अपने प्राचीन सनातन धर्म की ओर वापस लौटने का निर्णय ले चुके हैं। गाँव के 80 परिवारों ने हाल ही में हिंदू धर्म को अपनाया और अब इस गाँव के चर्च को हिंदू मंदिर में परिवर्तित किया जा रहा है।
बांसवाड़ा में 80 ईसाईयों ने अपनाया सनातन
बता दें कि गाँव के लोग कुछ साल पहले ईसाइयत को अपना चुके थे, लेकिन अब वे फिर से हिंदू धर्म में शामिल हो गए हैं। 'घर वापसी' का यह कार्यक्रम भारतमाता मंदिर परियोजना के अंतर्गत संपन्न हुआ, जिसके बाद यहां के लोग फिर से अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और संस्कृति से जुड़ने की दिशा में एक कदम और बढ़ रहे हैं। इन 80 परिवारों के साथ 35 अन्य लोगों ने भी स्वेच्छा से ईसाइयत छोड़कर सनातन धर्म को अपनाया।
गाँव में स्थित चर्च, जिसे अब एक हिंदू मंदिर में परिवर्तित किया जा रहा है, वह उसी समय का बना हुआ था जब यहां के लोग ईसाइयत को अपनाने के लिए प्रेरित हुए थे। अब, गाँव के लोगों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि इस चर्च को एक भव्य हिंदू मंदिर में बदला जाए। इस मंदिर में भैरव जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो इस स्थान की नई पहचान के रूप में उभरेगी।
ईसाइयत छोड़कर की घर वापसी
यह घर वापसी का कार्यक्रम और चर्च का मंदिर में रूपांतरण एक उदाहरण है कि किस प्रकार लोग अपनी इच्छा से धर्म का परिवर्तन कर सकते हैं, और साथ ही अपने समुदाय और संस्कृति के प्रति जागरूकता का अहसास कर सकते हैं।
यह घटना स्थानीय स्तर पर एक मिसाल बन गई है और यह संकेत देती है कि धार्मिक परिवर्तन केवल बाहरी दबावों से नहीं, बल्कि आंतरिक प्रेरणा और समझ से भी संभव है। समाज में एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए इस गाँव के लोग अब अपने पुराने धर्म को अपनाकर धार्मिक सद्भावना की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।