वेस्टर्न कल्चर और नई-नई परंपराओं के साथ होने वाली शादियां तो आपने
बहुत देखी होंगी, लेकिन रूस से आए तीन जोड़ों को भारतीय परंपरा इतनी
भा गई कि उन्होंने हरिद्वार के एक आश्रम में हिंदू विधि विधान से शादी रचा ली।
हिंदू रिवाज से की शादी, लिए 7 फेरे
आपको बता दें कि बीते बुधवार यानि 4 अक्टूबर को हरिद्वार के अखंड
परमधाम आश्रम में पहुंचे रूसी जोड़ों में लैरिसा ने यूरा के साथ, एलसी ने रुशलम के साथ और विक्टोरिया ने मैटवी के साथ वैदिक परंपरा के
अनुसार विवाह किया।
यहां पर एक 50 रूसी नागरिकों का दल आया था, जो अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर था, लेकिन उन्होंने भारतीय
संस्कृति को इतना प्रिय किया कि तीन रूसी जोड़ों ने वहां शादी करने का निश्चय
किया।
विवाह में जमकर नाचे रूसी नागरिक
बरात में गढ़वाली और कुमाऊंनी गीतों की धुन भी बजी। बैग पाइपर, ढोल और दमांऊ की थाप पर रूसी बराती खूब थिरके। उनके इस अंदाज को देखने
वाले भी सहज उनकी बरात में शामिल हो गए। भारतीय रीति रिवाज के साथ पहले तो तीनों दूल्हों
की बारात निकाली गई। फिर आश्रम में बने शिव मंदिर में तीनों जोड़ों ने भगवान शिव
का आशीर्वाद लिया। जिसके बाद अध्यक्ष स्वामी परमानंद गिरि महाराज का आशीर्वाद लेकर
एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद पारंपरिक मंत्रोच्चार के बीच मंडप में सात
फेरे भी लिए। साथ ही रूसी जोड़ों के अनुग्रह को स्वीकार्य करते हुए उन्हें हिंदू
सनातन संस्कृति से जोड़ा गया है।
अखंड परमधाम में यह रोचक नजारा पर्यटन स्थली और धर्मनगरी में देश के
अन्य राज्यों से घूमने आए युवाओं के लिए बेदह खास रहा। सभी ने अपने मोबाइल में इस
पल को कैद किया।
स्वामी परमानंद गिरि ने बताया
अखंड परमधाम के अध्यक्ष स्वामी परमानंद गिरि ने बताया कि पाश्चात्य
संस्कृति से ऊबकर रूसी नागरिकों ने भारतीय संस्कृति को अपनाकर विवाह किया और सात
जन्मों तक एक दूसरे के साथ रहने का वचन लिया है। शादी रचाने वाले जोड़ों के साथ
अन्य रूसी नागरिकों नेभी शादी में खूब एंजॉय किया।