गृहमंत्री अमित शाह ने एक निजी मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि 400 पार सीटें मिलने पर संविधान बदलने का जो आरोप लगा रहे हैं, उन्हें खुद सोचना चाहिए. देश की जनता ने 2014 में ही पीएम नरेंद्र मोदी को ये ताकत दी थी. संविधान बदलने की प्रक्रिया क्या है ये आरोप लगाने वालों को खुद नहीं पता.
अमित शाह ने कहा कि असल बात तो यह है कि ये संविधान के नाम पर आरक्षण की बात कह रहे हैं, जबकि ये काम ये लोग खुद करते रहे हैं. इन्होंने बंगाल और कर्नाटक में यही किया. देश में जब तक भाजपा का एक भी सांसद है, तब तक संविधान को नहीं बदलने दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ मुस्लिम आरक्षण खत्म करने की बात कही है, क्योंकि देश के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. जो मुस्लिम पिछड़े हैं उन्हें आरक्षण मिलता रहेगा.
अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है, भारत की हर सरकार का मुख्य एजेंडा पीओके ही होना चाहिए. कश्मीर के हालात पर उमर अब्दुल्ला के दावे पर अमित शाह ने कहा कि वह कुछ भी कहें, लेकिन कश्मीर का मतदान प्रतिशत इस बात का गवाह है कि सरकार की पॉलिसी वहां सफल रही. वहां टूरिस्ट पहुंच रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि उद्योग लग रहे हैं. उनके पिता और दादा भी सीएम रहे, ये पहले क्यों नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जब जब आतंकवाद बढ़ता था, अब्दुल्ला परिवार इंग्लैंड चला जाता था.
अमित शाह ने कहा कि चुनाव में इस तरह की बातें चलती रहती हैं. मायावती की पार्टी, उनकी विचारधारा दूर दूर तक भाजपा से मेल नहीं खाती. उन्होंने डर के सवाल पर कहा कि जब वह बच्चा थे, तब भी राहुल गांधी की दादी से नहीं डरे, उनके विरोध में भी नारे लगाते थे.