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Maa Katyayani Vrat Katha: छठे दिन करें मां कात्यायनी का पाठ, सभी संकट होंगे दूर

शारदीय नवरात्र के अलग-अलग दिन मां दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है।

Deepika Gupta
  • Oct 8 2024 10:47AM

शारदीय नवरात्र के अलग-अलग दिन मां दुर्गा के 9 रूपों को समर्पित है। शारदीय नवरात्र के छठेवें दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मां कात्यायनी की पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त करती है। नवरात्रि के छठे दिन का विशेष महत्व है, जब भक्तों द्वारा मां कात्यायनी की उपासना की जाती है। इस दिन मां कात्यायनी की कृपा से सभी प्रकार के संकट दूर हो सकते हैं और भक्तों को जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।

मां कात्यायनी का पूजा विधान और व्रत कथा भक्तों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। मां कात्यायनी को दुर्गा माता के छठे स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। उन्हें ज्ञान, शक्ति और भक्ति की देवी माना जाता है। इस दिन मां का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

व्रत का महत्व

छठे दिन भक्तों को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ मां कात्यायनी का पाठ करना चाहिए। इस दिन का व्रत पूरे मन से करना चाहिए। भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। फिर मां कात्यायनी का पूजा स्थल तैयार करते हैं, जहां दीप जलाकर, फल और फूल अर्पित किए जाते हैं।

पाठ के दौरान मां कात्यायनी की स्तुति की जाती है और उनसे सभी संकटों से मुक्ति की प्रार्थना की जाती है। भक्तों का मानना है कि इस दिन का पाठ करने से मानसिक शांति, सकारात्मकता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

कथा

कथा के अनुसार, एक समय की बात है, जब दैत्यों ने देवताओं पर आक्रमण किया। तब देवताओं ने मां कात्यायनी का आवाहन किया। मां ने अपने शक्ति से दैत्यों का संहार किया और देवताओं को विजय दिलाई। इस कथा से यह संदेश मिलता है कि मां कात्यायनी अपने भक्तों के संकटों को दूर करने में सदा तत्पर रहती हैं।

इस व्रत का पालन करने से भक्तों को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। छठे दिन के व्रत का पालन करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और भक्तों की समस्याएं स्वयं ही सुलझने लगती हैं।

उपसंहार

इस नवरात्रि, मां कात्यायनी के छठे दिन का व्रत करना न भूलें। अपने मन से मां की भक्ति करें और उनका पाठ करें। मां कात्यायनी की कृपा से आप अपने सभी संकटों से मुक्त हो सकते हैं। भक्तों को चाहिए कि वे इस दिन का विशेष महत्व समझें और मां की आराधना करें। इस प्रकार, मां कात्यायनी का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार होगा। 

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