आज से गुप्त नवरात्रि का आगाज हो गया है। आम तौर पर लोग शारदीय और चैत्र नवरात्रि के बारे में जानते हैं, लेकिन इनके अलावा दो और नवरात्र भी होते हैं जिनमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। इन नवरात्रों के बारे में कम लोग जानते हैं, और इसके रहस्यमय स्वरूप के कारण इसे "गुप्त नवरात्रि" कहा जाता है। यह पर्व साल में दो बार आता है—माघ और आषाढ़ माह में। महाकाल संहिता और अन्य शाक्त ग्रंथों में इन चारों नवरात्रों का विशेष महत्व बताया गया है। इनमें विशेष प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति और सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है।
गुप्त नवरात्रि की तिथि
इस बार माघ महीने की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से 07 फरवरी तक मनाई जाएगी। इस समय देवी मां की पूजा और अनुष्ठान से न केवल आपका कल्याण होगा, बल्कि आपके शत्रु भी नष्ट होंगे।
गुप्त नवरात्रि में पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि में देवी की पूजा विधि विशेष होती है। यदि आपने इस दौरान कलश की स्थापना की है, तो दोनों वेला (सुबह और शाम) में मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए। इन समयों में आरती करना भी लाभकारी होगा। मां को भोग में लौंग और बताशा अर्पित करें, जो सबसे सरल और उत्तम माने जाते हैं। मां के लिए लाल फूल अर्पित करें, लेकिन आक, मदार, दूब और तुलसी न चढ़ाएं। पूजा करते समय अपना खानपान और आहार सात्विक रखें।
गुप्त नवरात्रि के महाउपाय
1. विवाह में बाधा
अगर विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी को पीले फूलों की माला अर्पित करें और निम्न मंत्र का जाप करें:
'कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी'
'नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः'
2. संतान प्राप्ति में समस्या
यदि संतान प्राप्ति में समस्या हो, तो देवी को पान का पत्ता अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें:
'नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा'
'ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी'
3. नौकरी में समस्या
नौकरी में किसी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो देवी को बताशे पर लौंग रखकर अर्पित करें और इस दिव्य मंत्र का जाप करें:
'सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः'
'मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः'