मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित एक मिशनरी स्कूल के खिलाफ हिंदू समाज और संगठनों का गुस्सा उबल पड़ा। मंगलवार (15 अप्रैल 2025) को विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बराकला के सेंट क्लारेट स्कूल को घेरते हुए उग्र प्रदर्शन किया और स्कूल प्रशासन पर धर्मांतरण व शोषण के गंभीर आरोप लगाए। मामला उस वक्त गर्माया जब हॉस्टल में असम से आयी एक छात्रा की रहस्यमयी मौत हो गई।
सवालों के घेरे में मिशनरी स्कूल
बराकला के इस मिशन स्कूल में रहने वाली असम की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। बजरंग दल के प्रांत संयोजक यतेंद्र पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “यह संस्थान धर्मांतरण की प्रयोगशाला बन चुका है। पहले लड़कियों को पढ़ाई के नाम पर फंसाया जाता है, फिर उनका शोषण होता है, और जब विरोध करती हैं, तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है।”
परदे के पीछे साजिश की बू
हिंदू संगठनों का दावा है कि असम, अरुणाचल और केरल से लड़कियों को बहला-फुसलाकर लाया जाता है, फिर उन्हें ईसाई धर्म में जबरन दीक्षित किया जाता है। संगठन का आरोप है कि जो छात्राएं इसका विरोध करती हैं, या अपने परिवार को कुछ बताने की कोशिश करती हैं, उन्हें मार दिया जाता है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अब इस तरह की "धार्मिक धोखाधड़ी" और "साजिश" को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रघुराजनगर SDM एल.आर. जांगड़े ने जानकारी दी कि मृत छात्रा का पोस्टमार्टम उसके माता-पिता के पहुंचने के बाद किया जाएगा। वहीं सीएसपी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान के आधार पर की जाएगी।
हिंदू संगठनों की चेतावनी- धर्म के नाम पर छल अब नहीं चलेगा!
विहिप और बजरंग दल ने यह साफ कर दिया है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। उनका कहना है कि स्कूलों की आड़ में 'धर्मांतरण उद्योग' चलाना अब बंद होना चाहिए, नहीं तो अंजाम गंभीर होंगे।