उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक मामला सामने आया है। जहां इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक बड़ी साजिश रची लेकिन कामयाब नहीं हो सकी। दरअसल, मजहबी किताब के फटे पन्ने मिलने से इलाके का माहौल गर्म होने लगा था। स्थानीय लोग इकठ्ठा हो कर मजहबी नारेबाजी करने लगे थे। तभी घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को हुई। मौके पर पहुंची पुलिस से ही जिहादी भिड़ने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस ने माहौल को समझते हुए। पूरे मामले को शांत कराने में जुट गई। लेकिन कट्टरपंथियों की जाहिल भीड़ कोई बात सुनने को राजी ही नहीं थी। तभी पुलिस अधिकारी ने घटना की जांच के लिए आसपास के CCTV फुटेज खंगालने लगे। जिसके बाद जो सामने आया वो जानकर हर कोई हैरान हो गया। मजहबी किताब के पन्ने किसी और ने नहीं बल्कि नाजिम ने ही फाड़ी थी। पुलिस ने तत्काल आरोपी को हिरासत में ले लिया। ये मामला गुरुवार (3 मार्च 2025) का है।
ये घटना शाहजहांपुर के जलालाबाद कस्बे की है। देर रात मजहबी किताब के फटे पन्ने मिलने से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। स्थानीय लोगों के एकत्र होने के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की।
जांच के बाद फुटेज में मोहम्मद नजीम को पन्ने फाड़ते हुए देखा गया। वह कस्बे का रहने वाला है। पुलिस ने तत्काल आरोपी को हिरासत में ले लिया। एसपी ग्रामीण आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रण में है।
इस साजिश के तहत हिंदुओं पर मजहबी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा कर ये लोग शहर को जलाने की जुगत में थे। लेकिन यूपी पुलिस की तत्परता और सक्रियता ने किसी बड़े घटना को होने से रोक दिया है और इलाके में शांति का माहौल कायम है। गौर करने वाली बात ये है कि जहां संसद में वक्फ संशोधन बिल पास हो रहा था तो वहीं ये जिहादी शहर को जलाने की साजिश रचने में लगे थे। ताकि जब दंगा हो तो उसे वक्फ बिल का विरोध बता दिया जाता या हिंदुओं पर मजहबी किताब के बेअदबी का आरोप लगा दिया जाता। अगर समय रहते पुलिस इस घटना का खुलासा नहीं करती तो यहां कुछ भी हो सकता था। क्योंकि इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ पुलिस की एक बात भी सुनने को राजी नहीं थी।