14 फरवरी 2019 का दिन भारतीय इतिहास में हमेशा एक दर्दनाक घटना के रूप में याद किया जाएगा। इस दिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रहे काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस आतंकी हमले में 40 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी।
स्कूल में छिपा था हथियारों का जखीरा
गुरुवार को सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया। एक सरकारी स्कूल की इमारत में छुपाए गए हथियार और अन्य सामग्री को बरामद किया गया। इनमें ग्रेनेड, यूबीजीएल ग्रेनेड, डेटोनेटर, पिस्तौल, मैगजीन, कारतूस और आईईडी बनाने का सामान शामिल था।
खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई
पुलिस को बुधवार देर रात खुफिया जानकारी मिली थी कि अवंतीपोरा के लारमू इलाके में आतंकियों ने हथियार जमा किए हैं। इसके बाद पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।
स्कूल से मिला आतंकियों का सामान
सुरक्षाबलों ने सभी संभावित ठिकानों की जांच की। इसी दौरान सरकारी प्राथमिक स्कूल की इमारत में छिपाकर रखे गए हथियार बरामद हुए। इस बरामदगी ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
14 फरवरी 2019: जब देश ने अपने वीर खोए
2019 में पुलवामा के गोरीपोरा इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया। काफिले में 60 से अधिक वाहन थे, जिनमें करीब 2500 जवान सफर कर रहे थे। एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को जवानों की बस से टकरा दिया, जिससे जोरदार धमाका हुआ और 40 जवान बलिदान हो गए।
सुरक्षा बलों की सतर्कता से साजिश नाकाम
इस ताजा अभियान में सुरक्षाबलों ने फिर यह साबित कर दिया कि वे आतंक के खिलाफ सतर्क हैं। हथियार बरामद होने से आतंकी साजिश को विफल कर दिया गया। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है। सुरक्षा बलों की सफलता देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और आतंक के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।