देशभर में वक्फ संशोधन बिल को लेकर चल रही बहस के बीच गुजरात के कर्णावती से एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। शहर के जमालपुर इलाके में वक्फ बोर्ड की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति को अवैध रूप से किराए पर देकर मोटी कमाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सलीम खान पठान, मोहम्मद यासर शेख, महमूद खान पठान, फैज मोहम्मद जोबदार और शाहिद अहमद शेख शामिल हैं। ये मामला रविवार (20 अप्रैल) का है।
यह पूरा मामला जमालपुर इलाके का है। जानकारी के मुताबिक, इन आरोपियों ने खुद को 'कांच की मस्जिद' और 'शाह बड़ा कसम ट्रस्ट' का ट्रस्टी बताकर करीब 100 मकानों से हर महीने 7 से 8 हजार रुपए प्रति मकान किराया वसूला। वहीं, करीब 25 से 30 दुकानों से भी किराया लिया जाता था। यह सारा पैसा ट्रस्ट के खाते में जमा करने के बजाय निजी इस्तेमाल में लाया गया।
शिकायतकर्ता मोहम्मद रफीक अंसारी ने गायकवाड़ हवेली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह कई वर्षों से ग्लास मस्जिद ट्रस्ट की संपत्ति में रह रहे हैं और ट्रस्ट के असली ट्रस्टियों की मृत्यु के बाद किसी ने उनकी जगह नहीं ली। ट्रस्ट की जमीन अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) को स्कूल के लिए सौंपी गई थी।
बता दें कि साल 2001 के भूकंप के बाद स्कूल की इमारत जर्जर हो गई थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने वहां उर्दू स्कूल खोलने की आड़ में पूरी इमारत तोड़ दी और उस जमीन पर 10 दुकानें बना डालीं। इनमें से एक दुकान पर सलीम खान ने सोडागर कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस खोला, बाकी को किराए पर दे दी।
डीसीपी भरत राठौड़ के अनुसार, यह पूरा गिरोह साल 2005 से ट्रस्ट की संपत्ति पर कब्जा जमाए हुए था, जबकि इन पांचों में से कोई भी ट्रस्ट का अधिकृत ट्रस्टी नहीं है। इतना ही नहीं, शाह बड़ा कासिम ट्रस्ट के दान पेटी से भी ये लोग हर महीने लगभग 50,000 रुपये की कमाई कर रहे थे। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और वक्फ संपत्ति का दुरुपयोग करने के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।