भारत में आयोजित ICC के इवेंट्स में पाकिस्तान की टीम को भाग नहीं लेना चाहिए, ऐसा कहना है पाकिस्तानी क्रिकेट एक्सपर्ट कमर चीमा का। रविवा को भारत ने ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद यह बयान दिया। भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई भी सदस्य सेरेमनी में उपस्थित नहीं था। यह विषय चर्चा का कारण बना क्योंकि पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट की मेज़बानी की थी, लेकिन भारतीय मैच दुबई में खेले गए थे।
कमर चीमा का कड़ा स्टैंड
कमर चीमा ने कहा कि यदि ICC के इवेंट्स भारत में होते हैं, तो पाकिस्तान की टीम को वहां नहीं जाना चाहिए। उनका कहना था कि यदि भारत पाकिस्तान को अपने देश नहीं बुलाता, तो पाकिस्तान को भी इस पर सख्त स्टैंड लेना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की टीम की परफॉर्मेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि टीम को कहां भी खेलना हो, हारने का ही सामना करना पड़ता है। ऐसे में शायद पाकिस्तान को इन इवेंट्स में भाग नहीं लेना चाहिए।
चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान का प्रदर्शन
चैंपियंस ट्रॉफी के लीग मैच में ही पाकिस्तान की टीम हार गई थी, जिससे वह टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी। कमर चीमा ने इस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि पाकिस्तान की अयोग्यता, नेपोटिज्म और आंतरिक विवादों ने टीम के प्रदर्शन को प्रभावित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाउंटेबिलिटी की कमी के कारण कोई भी खिलाड़ी या अधिकारी अपनी गलतियों पर सवाल नहीं उठाता, और ना ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में कोई पारदर्शिता है।
पाक क्रिकेट टीम में राजनीति और खिलाड़ियों की मानसिकता
कमर चीमा ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम में होने वाली राजनीति और खिलाड़ियों के आपसी मतभेदों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी एक-दूसरे से लड़ते रहते हैं, और अक्सर यह छोटे घरों से आते हैं। जब वे टीम में आते हैं, तो शोहरत और दौलत मिलती है, और फिर वे अपनी असलियत दिखाने लगते हैं। ये आपस में ही लड़ते हैं, ज्यादातर ये अनपढ़ होते हैं, जाहिल होते हैं। उनका कहना था कि इस मानसिकता के कारण न सिर्फ खिलाड़ियों को नुकसान हुआ, बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट को भी नुकसान पहुंचा।
फिटनेस पर भी उठाए सवाल
कमर चीमा ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों की फिटनेस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 240 मिलियन की आबादी वाला पाकिस्तान देश, 11 अच्छे खिलाड़ी भी नहीं पैदा कर पा रहा है। इस मुद्दे पर उन्होंने भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली का उदाहरण दिया और उनकी फिटनेस की सराहना की, जो पाकिस्तान के लिए एक प्रेरणा हो सकती है।
अगर चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में होती तो क्या होता?
कमर चीमा ने अंत में कहा कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल पाकिस्तान में होता, तो शायद पाकिस्तान को फायदा हो सकता था। उनका मानना था कि अगर मैच पाकिस्तान में खेला जाता, तो पाकिस्तान की टीम कुछ हासिल करने में सफल हो सकती थी।