छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पुलिस ने एक पाकिस्तानी भाई-बहन को गिरफ्तार किया है। इनके पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट और लॉन्ग टर्म वीजा होने के बावजूद दोनों ने भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए गलत जानकारी दी थी। रायगढ़ पुलिस ने इस मामले में दोनों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की है, और फिलहाल दोनों को रिमांड पर भेज दिया गया है।
यह मामला रायगढ़ के जूटमिल थाना इलाके का है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पुलिस ने बाहरी नागरिकों, विशेष रूप से पाकिस्तान से आए लोगों के खिलाफ एक विशेष जांच अभियान शुरू किया था। इस दौरान जूटमिल पुलिस को जानकारी मिली कि कोड़ातराई गांव के याकूब शेख के घर पर दो पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन दोनों के दस्तावेजों की जांच की।
पुलिस की जांच में पता चला कि दोनों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट और लॉन्ग टर्म वीजा असली थे, लेकिन इन दोनों ने भारतीय मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) फर्जी तरीके से बनवाया था। इसके लिए उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग के फार्म 6 में गलत जानकारी दी थी। पुलिस ने इन दस्तावेजों को जब्त कर लिया और दोनों को गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि गिरफ्तार किए गए दोनों पाकिस्तानी नागरिक, अर्निश शेख और इफ्तेखार शेख, भाई-बहन हैं। इनकी मां पाकिस्तानी नागरिक थीं, जिनकी शादी छत्तीसगढ़ के याकूब शेख से हुई थी। दोनों का जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों को रिमांड पर भेज दिया गया।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में सभी दस्तावेजों की पूरी जांच की जा रही है। इन दोनों भाई-बहन के पास वैध पाकिस्तानी पासपोर्ट और लॉन्ग टर्म वीजा होने के बावजूद भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनवाना एक गंभीर अपराध है। पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है और यह भी सुनिश्चित कर रही है कि इस तरह के मामलों में अन्य लोगों की पहचान की जा सके।
यह घटना पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, जो कि बाहरी नागरिकों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रही है। रायगढ़ पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि कोई भी अवैध नागरिक देश के चुनावी और नागरिक प्रक्रिया का फायदा न उठा सके।