प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम पर आज यानी मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का विशेष महा अभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक धर्मयोद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी के साथ महाराष्ट्र के शिव भक्त श्री विलास राव पांगारकर और उनके कई साथी भी शामिल हुए।
कुंभ मेला में शोभा यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
कुंभ मेला में साधु-संतों की शोभा यात्रा का आयोजन एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक परंपरा है। मुगलों ने कुंभ मेला और विशेष रूप से उसकी शोभा यात्रा को रोकने की कोशिश की थी। ऐसे में मराठा शासकों ने इसे पुनः शुरू किया और पूरी सुरक्षा के साथ साधु-संतों की शोभा यात्रा को पुनर्जीवित किया। इस यात्रा को 'पेशवाई' के नाम से जाना गया, जो मराठों के सम्मान का प्रतीक था।
पेशवा की भूमिका
मराठा सेनापति पेशवा की सुरक्षा और मार्गदर्शन में साधु-संतों की शोभा यात्रा की परंपरा को फिर से बहाल किया गया, जिससे मराठों का गौरव और सम्मान हमेशा के लिए सुनिश्चित हुआ। यह परंपरा आज भी लोगों में श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक बनी हुई है।
महाकुंभ में शिवाजी महाराज का महाभिषेक
आज के इस विशेष महाभिषेक कार्यक्रम का उद्देश्य मराठा शौर्य और सम्मान को पुनः स्थापित करना था। श्री सुरेश चव्हाणके जी के नेतृत्व में शिवाजी महाराज की मूर्ति को संगम के पवित्र स्थल पर स्नान कराया गया, जो मराठों के गौरवमयी इतिहास को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।