इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश एस०टी०एफ० को थाना क्षेत्र विकासनगर जनपद लखनऊ में कारोबारी के साथ हुई लूट की घटना में वांछित रु0 1,00,000/- का पुरस्कार घोषित अभियुक्त वैभव सिंह को थाना क्षेत्र पी०जी०आई० अन्तर्गत हुई मुठभेड़ के उपरान्त गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।
जनपद लखनऊ व आस-पास के जनपदों में गैंग बनाकर लगातार लूट / डकैती करने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी। प्राप्त सूचना के उपरान्त एस०टी०एफ० टीम द्वारा इस सूचना को विकसित किया गया और तद्नुसार योजना बनाकर डलौना क्रासिंग के पास थाना क्षेत्र पी०जी०आई० लखनऊ में हुई साहसिक मुठभेड़ के उपरान्त अभियुक्त वैभव सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 28-03-2025 को एक व्यवसायी से थाना क्षेत्र विकासनगर, लखनऊ में लूट की घटना हुई थी। इस घटना के सम्बन्ध में थाना विकासनगर में अभियोग पंजीकृत हुआ था। इस घटना में शामिल मुख्य साजिशकर्ता प्रेम बहादुर सिंह व उसके साथी सोनेन्द्र सिंह व गौरव मिश्रा को दिनांक 30-03-2025 को एसटीएफ टीम द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। साथ ही दिनांक 07-04-2025 को सुशील मिश्र (एक लाख रूपये का पुरस्कार घोषित) को जनपद-प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार अभियुक्तो से पूछताछ पर ज्ञात हुआ था कि प्रेम बहादुर सिंह वर्ष-2023 में व्यवसायी पंकज अग्रवाल के यहां ड्राइवर का काम करता था, कुछ दिन काम करके छोड़ दिया।
उसके बाद पिछले 01 महीने से फिर उनके यहां ड्राइवरी का काम करने लगा था। कई बार पंकज अग्रवाल अपने साथ कलेक्शन के काफी रूपये लेकर आते जाते थे, जिसे यह देखता रहता था। इसके अलावा उनका मुनीम अमित सैनी, पंकज अग्रवाल के अलग अलग स्टोर व अन्य स्थानों से रूपये अपनी बाइक से इकठ्ठा करता था, उसके बारे में भी इसको प्रेम बहादुर सिंह को जानकारी थी। उस पैसे को लूटने के लिए उसने अपने चचेरे भाई सोनेन्द्र सिंह (पूर्व में गिरफ्तार) के साथ प्लान बनाया। सोनेन्द्र सिंह ने कहा कि यह काम एक आदमी का नहीं है इसके लिए 4-5 आदमियों की जरूरत पडेगी। इसके बाद सोनेन्द्र ने वैभव सिंह व अन्य आदमियों को तैयार किया। प्रेम बहादुर सिंह ने सोनेन्द्र सिंह को रूपये लाने वाले आदमी के बारे में व मोटरसाइकिल का नम्बर बताया और सोनेंद्र ने वैभव सिंह व इसके अन्य साथियो को घटना करने के लिए सारी जानकारी दिया। वैभव सिंह उपरोक्त कई अपराधों में लगभग 08 वर्ष जनपद हरदोई व सीतापुर जेल में बन्द था। इस घटना को अंजाम देने के लिए वैभव सिंह ने सुशील मिश्रा के साथ मिलकर अन्य साथियों को बुलाया था। जिसके बाद वैभव उपरोक्त सोनेन्द्र, सतीश सिंह अनुज मौर्या, गौरव मिश्रा व सुशील मिश्रा ने रेकी करके लूट की घटना को अंजाम दिया था।