दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने उनके 6 फ्लैग स्टाफ बंगले 'शीशमहल' की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। यह बंगला 8 एकड़ में फैला है, और केजरीवाल ने इसी स्थान पर अपने लिए सरकारी घर बनवाया था। सीवीसी ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) से मामले की विस्तृत जांच करने को कहा है।
भवन निर्माण में नियमों का उल्लंघन का आरोप
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि 'शीशमहल' के निर्माण में 40,000 वर्ग गज में कई भवन नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस बंगले के निर्माण में कई कथित गड़बड़ियों की आशंका जताई गई है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) या अरविंद केजरीवाल की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कांग्रेस और बीजेपी का आरोप
सीवीसी ने दो शिकायतों का संज्ञान लिया और लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट मांगी। इसके आधार पर अब विस्तृत जांच की जाएगी। एक शिकायत में रोहिणी से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) भूमि पर भव्य महल बनाने के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया।
बंगले के रेनोवेशन में भारी खर्च का आरोप
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। भाजपा ने इस बंगले को 'शीशमहल' का नाम दिया था। पिछले साल 9 दिसंबर को भाजपा ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस के आलीशान इंटीरियर्स को दिखाया गया था।
बीजेपी ने लगाया आरोप
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि केजरीवाल का बंगला 4 सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से जोड़कर बनाया गया है। उन्होंने मांग की थी कि इस प्रक्रिया को रद्द किया जाए और शपथ के बाद भाजपा का मुख्यमंत्री इस बंगले में नहीं रहेगा।