दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज यानी मंगलवार को कुशक नाला इलेक्ट्रिक बस डिपो में मोहल्ला बसों का निरीक्षण किया। इस दौरान सीएम आतिशी ने कहा कि, "आज हम कुशक नाला इलेक्ट्रिक बस डिपो पर मोहल्ला बसों का निरीक्षण करने आए है। इस डिपो में इन 9 मीटर की 150 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसों की पहली खेप आ चुकी है।"
"आप" सरकार ने एक बार फिर दिल्लीवालों से किया अपना वादा निभाया है। मोहल्ला बसों के साथ दिल्ली में परिवहन क्रांति 2.O की शुरुआत हो रही है। दिल्ली में अपने 2 सप्ताह के भीतर 150 मोहल्ला बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा। सीएम ने यहां बसों में लोगों के लिए मौजूद सुविधाओं का निरीक्षण किया, बसों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच की और ख़ुद अधिकारियों के साथ बस में सफ़र भी किया। इस मौके पर सीएम आतिशी ने कहा कि, "मोहल्ला बसों के साथ दिल्ली की सड़कों पर परिवहन क्रांति के नए दौर की शुरुआत होगी और अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में आई ये मोहल्ला दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए गेम चेंजर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि, "इन बसों का 2 रूट पर निरीक्षण भी हो चुका है। ये 150 बसें आने वाले 2 सप्ताह में दिल्ली की सड़कों पर उतर जायेंगी। जिन भीड़भाड़ वाले इलाकों में 12 मीटर की बड़ी बसें नहीं जा पाती है, उन इलाकों में अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में लाई गई ये मोहल्ला बसें गेम चेंजर साबित होंगी।" सीएम आतिशी ने साझा किया कि, "दिल्ली में हमेशा से ट्रांसपोर्ट में लास्ट माइल कनेक्टिविटी की समस्या रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर 2140 सड़कें उतरेंगी। ये सभी बसें पूरी तरह वातानुकूलित है। बस पैनिक बटन, सीसीटीवी और जीपीएस से लैस है। मात्र मिनट की चार्जिंग के साथ ये बसें 200 किमी तक चल सकती है।"
उन्होंने कहा कि, "अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में दिल्लीवालों को सुविधा देने का काम "आप" सरकार पिछले 10 सालों से कर रही है। डीटीसी बसों में आम परिवार के लोग जाते है। उन्हें सबसे शानदार सुविधाएं मिले ये अरविंद केजरीवाल का विज़न है और आप सरकार लगातार इसपर काम कर रही है।" बता दे कि, नौ मीटर लंबी ये बसें इलेक्ट्रिक बैटरी से संचालित होती हैं और विशेष रूप से उन क्षेत्रों में चलाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जहां दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की 12 मीटर लंबी मानक बसें नहीं चल सकती थीं, जैसे कि भीड़भाड़ वाले मोहल्ले और तंग गलियां। ये बसें मेट्रो स्टेशनों जैसे महत्वपूर्ण परिवहन बिंदुओं को बेहतर तरीके से जोड़ने में भी मदद करेंगी। यह न केवल लोगो के समय और पैसे की बचत करेगी, बल्कि उन्हें ऑटो रिक्शा लेने या अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए कई बस रूट बदलने की आवश्यकता भी समाप्त कर देगी।
मोहला बसों की विशेषताएं
मोहल्ला बस 196 किलोवाट की कुल क्षमता वाले छह बैटरी पैक से सुसज्जित है, जो 45 मिनट की चार्जिंग के साथ 200+ किमी की रेंज प्रदान करती है।9 मीटर की इन मोहल्ला बसों में 23 यात्री सीटें और 13 यात्रियों के खड़े होने की क्षमता है।
आसानी से पहचान के लिए मोहल्ला बसों को हरे रंग का रखा गया है। मोहल्ला बसों में 25% सीटें (6 सीटें) गुलाबी रंग की हैं, जो विशेष रूप से महिला यात्रियों के लिए आरक्षित हैं।
मोहल्ला बस योजना का लक्ष्य 9 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसों के द्वारा दिल्लीवासियों को उनके घर के आसपास फीडर बस सेवाएं प्रदान करना है।दिल्ली सरकार की योजना 2025 तक कुल 2,140 ऐसी बसें शुरू करने की है, जो विशेष रूप से सीमित सड़क चौड़ाई या भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों के लिए होंगी।
दिल्ली सरकार ने मोहल्ला बसों की पार्किंग और रखरखाव के लिए पूरी दिल्ली में 16 डिपो बनाए हैं।
मोहल्ला बसों के लिए डिपो
पूर्वी ज़ोन
1. गाजीपुर डिपो में 60 मोहल्ला बसें होंगी।
2. ईस्ट विनोद नगर में 180 मोहल्ला बसें होंगी।
पश्चिम ज़ोन
3. द्वारका मुख्य डिपो में 40 मोहल्ला बसें होंगी।
4. द्वारका सेक्टर 2 डिपो में 180 मोहल्ला बसें होंगी।
5. केशोपुर डिपो 180 मोहल्ला बसों को समायोजित करेगा।
6. पीरागढ़ी डिपो में 135 मोहल्ला बसें होंगी।
7. शादीपुर डिपो में 230 मोहल्ला बसें होंगी।
8. द्वारका सेक्टर 9 डिपो में 20 मोहल्ला बसें होंगी।
दक्षिण ज़ोन
9. कुशक नाला डिपो में 350 मोहल्ला बसें होंगी।
10. अंबेडकर नगर डिपो में 180 मोहल्ला बसें होंगी।
उत्तरी ज़ोन
11. मुंडका डिपो में 60 मोहल्ला बसें होंगी।
12. नांगलोई डीएमआरसी में 60 मोहल्ला बसें होंगी।
13. नांगलोई डीटीसी डिपो में 180 मोहल्ला बसें होंगी।
14. रिठाला डिपो में 70 मोहल्ला बसें होंगी।
15. कोहाट एन्क्लेव डिपो में 35 मोहल्ला बसें होंगी।
16. नरेला बस डिपो में 180 मोहल्ला बसें होंगी।
मोहल्ला बस योजना दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन और लास्ट माईल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, खासकर उन इलाकों में जहां बड़ी बसों को परिचालन संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।