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पाकिस्तान में दहशतगर्दों की शामत... हाफिज सईद के एक और करीबी अब्दुल रहमान का सफाया, ईद के दिन फाइनेंसर को गोलियों से भून डाला

Pakistan: पाकिस्तान में आतंकियों पर कहर, कराची से झेलम तक लश्कर सरगनाओं का सफाया जारी, आतंकवादियों के खिलाफ गुप्त ऑपरेशन तेज।

Ravi Rohan
  • Mar 31 2025 2:31PM

पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं। कराची में एक और कुख्यात आतंकी, जो लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने का काम करता था, को अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया। हाफिज सईद के करीबी अब्दुल रहमान पर कराची में सोमवार को ईद के दिन (31 मार्च) ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।नकाबपोश बाइकसवार हमलावर अब्दुल रहमान की दुकान पर खरीददार बनकर आया था। 

वहीं झेलम जिले में बीते शनिवार (29 मार्च) रात 8 बजे अज्ञात बंदूकधारी ने फैजल नदीम ऊर्फ अबु कताल सिंधी को मार भी गिराया था। दावा किया जाता है कि अबु कताल 26\11 के मास्टरमाइन्ड आतंकी हाफिज सईद का भतीजा है। 

लश्कर के फंडिंग नेटवर्क पर बड़ा झटका


बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान अहल-ए-सुन्नत वाल जमात का प्रमुख सदस्य था और कराची में लश्कर के लिए धन उगाही करता था। उसका नेटवर्क शहरभर में फैला था, और उसके एजेंट इलाके से फंड इकट्ठा कर उसे सौंपते थे। बाद में ये पैसा हाफिज सईद के आतंकी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस हमले ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी फंडिंग नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है।

हमले में आतंकी का पिता भी घायल


हमले के वक्त अब्दुल रहमान अपने पिता और अन्य लोगों के साथ मौजूद था। अज्ञात हमलावरों ने बेहद करीबी रेंज से फायरिंग की, जिसमें अब्दुल रहमान की तुरंत मौत हो गई, जबकि उसके पिता समेत तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पाकिस्तान में हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों में तेजी से गिरावट आई है, लेकिन अब आतंकी सरगनाओं पर लगातार हो रहे हमलों ने उनके नेटवर्क को हिलाकर रख दिया है।

क्वेटा में मौलवी की हत्या, दहशत का माहौल


इससे पहले भी हाल ही में क्वेटा में एक बड़ा हमला हुआ था, जहां अज्ञात हमलावरों ने जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम के मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई को गोली मार दी। एयरपोर्ट के पास हुए इस हमले में मुफ्ती नूरजई को गंभीर चोटें आईं और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पाकिस्तान में मौलवियों और आतंकियों के खिलाफ हो रहे हमलों ने कट्टरपंथी संगठनों में भय का माहौल पैदा कर दिया है।

लश्कर के टॉप कमांडर को भी मार गिराया गया


अब्दुल रहमान से पहले लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ कतल सिंधी की भी हत्या हो चुकी है। पंजाब प्रांत के झेलम इलाके में उसे गोली मार दी गई थी। नदीम हाफिज सईद का भरोसेमंद साथी था और जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। 2000 के दशक की शुरुआत में उसने भारत में घुसपैठ की थी, लेकिन 2005 में वापस पाकिस्तान चला गया।

पाकिस्तान में एक के बाद एक आतंकी संगठनों के नेताओं का सफाया हो रहा है, जिससे वहां की सरकार और खुफिया एजेंसियों की असफलता उजागर हो रही है। आतंकी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए किए जा रहे ये हमले आने वाले समय में और तेज हो सकते हैं।
 

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