आज 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या का विशेष दिन है। शनि अमावस्या हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल मासिक अमावस्या के दौरान आती है, जब सूर्य और चन्द्रमा दोनों एक ही राशि में होते हैं। यह दिन खास तौर पर शनि ग्रह से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने और शनि देव की पूजा-अर्चना करने के लिए माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से शनि से संबंधित उपाय किए जाते हैं, ताकि जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आ सके।
पूजा का महत्व
शनि ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालता है। शनि अमावस्या के दिन शनि देव की विशेष पूजा से व्यक्ति के जीवन से शनि दोषों का निवारण होता है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, और वे अपने भक्तों को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इस दिन पूजा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कम होती हैं।
पूजा मुहूर्त
इस दिन पूजा का खास मुहूर्त तदनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच होता है। शनि अमावस्या के दिन विशेष रूप से रात्रि के समय पूजा करने की अधिक महिमा है, क्योंकि अमावस्या की रात को शनि देव के विशेष दर्शन होते हैं। शनि अमावस्या का पूजा मुहूर्त इस प्रकार है:
शनि पूजा मुहूर्त: 29 मार्च 2025 को रात्रि 11:15 बजे से लेकर 12:15 बजे तक। इस समय शनि देव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
पूजा विधि
स्नान और शुद्धता: सबसे पहले इस दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पुजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां दीपक लगाएं। शनि देव की पूजा के लिए काले तिल, तेल, लौंग, मूँग दाल, काले कपड़े और काले गुड़ का प्रयोग करें।
शनि मंत्र का जाप: शनि देव के मंत्र "ॐ शं शनिश्चराय नमः" का जाप 108 बार करें। इसके साथ ही "ॐ ह्लीं ह्लीं शनैश्चराय नमः" मंत्र का भी जाप किया जाता है।
हवन और तिल के तेल का दान: तिल का तेल शनि देव को प्रिय है, इसलिए इस दिन तिल का तेल जलाने और गरीबों को तिल का तेल दान करने से शनि दोष समाप्त होते हैं।
भोजन का विशेष ध्यान: इस दिन शनि देव की पूजा में उबली हुई मूँग दाल, काले तिल और गुड़ का भोग अर्पित करें।
विशेष उपाय
इस दिन को लेकर कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं, जैसे:
शनि देव के साथ लौंग और तेल का दान करना।
काले कपड़े पहनकर शनि से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति पाना।