इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
आज एस०टी०एफ० उत्तर प्रदेश को थाना क्षेत्र विकासनगर, कमिश्नरेट लखनऊ में कारोबारी के साथ लूट करने वाले गिरोह के एक सदस्य रू० 25000/- के पुरस्कार घोषित विपिन यादव को टेढ़ी पुलिया चौराहे के पास कमिश्नरेट लखनऊ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई।
अभिसूचना संकलन के क्रम में उपरोक्त घटना में शामिल मुख्य साजिशकर्ता प्रेम बहादुर सिंह व उसके साथी सोनेन्द्र सिंह व गौरव मिश्रा को एसटीएफ टीम द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके अलावा सुशील मिश्र (एक लाख रूपये का पुरस्कार घोषित) को जनपद प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था एवं दिनांक 09-04-2025 को रूपये एक लाख के पुरस्कार घोषित अभियुक्त वैभव सिंह को थाना क्षेत्र पीजीआई अन्तर्गत हुई मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल टीम को जानकारी मिली कि रू0 25,000 का पुरस्कार घोषित अपराधी विपिन यादव लखनऊ टेढ़ी पुलिया चौराहे के पास अपने साथी से मिलने के लिए आने वाला है। इस सूचना पर नि० राघवेंद्र सिंह, उ०नि० अतुल चतुर्वेदी, उ०नि० प्रदीप कुमार सिंह, मु०आ० रामनिवास शुक्ला, मु०आ० नीरज कुमार पाण्डेय, मु०आ० सुशील सिंह, मु०आ० राजीव कुमार, आ० बृजेश बहादुर सिंह, आ० अमित त्रिपाठी, आ० अमर श्रीवास्तव की टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुंचकर अभियुक्त विपिन यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त विपिन यादव ने पूछताछ पर बताया कि वर्ष 2018 में वसीम रजा की हत्या करने के मामले में वह लगभग 4 साल नैनी जेल में बंद था। जेल में रहने के दौरान उसकी दोस्ती सुशील मिश्रा उर्फ रज्जन, अनुज मौर्या, मोहित यादव, सतीश सिंह से हुई थी। जेल से छूटने के बाद पैसो के लिए किसी बड़ी लूट की घटना करने की योजना बना रहा था। इसी दौरान सुशील मिश्र उर्फ रज्जन (इस घटना में एक लाख रूपये का पुरस्कार घोषित था, जो पूर्व में गिरफ्तार) ने विपिन यादव उपरोक्त को जनपद-लखनऊ में एक बड़े व्यवसायी से लूट की घटना के बारे में बताया और यह भी कहा कि इस घटना को अंजाम देने के लिए और आदमी तैयार करो। इसके बाद विपिन यादव उपरोक्त ने अनुज मौर्या, सतीश सिंह, मोहित कुमार को इस घटना के लिए तैयार किया था, फिर यह लोग लखनऊ आये और सुशील मिश्र उर्फ रज्जन के साथ मिलकर इन सभी ने घटना को अंजाम देने के लिए रेकी किये थे, जिसके बाद दिनांक 28-03-2025 को घटना को अंजाम दिया।