महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक ऑटो ड्राइवर खुद को पीड़ित बताते हुए कुछ लोगों पर अपनी पिटाई करने का आरोप लगा रहा है। ऑटो ड्राइवर का नाम वसीम है जो दंगाई कहे जाने वाले ओवैसी की पार्टी (AIMIM) का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। इस्लामी और वामपंथी हैंडल इसे इस्लामोफोबिया साबित कर के सारा दोष हिन्दुओं पर थोपने का प्रयास करते दिख रहे हैं। सुदर्शन न्यूज़ की पड़ताल में ऑटो ड्राइवर द्वारा कही गई कहानी में कई पेंच नजर आए।
यह मामला मुंबई के मुम्ब्रा इलाके का है। खुद को वसीम खान बता रहा एक ऑटो ड्राइवर अचानक ही चर्चा में आ चुका है। वह बता रहा है कि उसकी ऑटो के पीछे ओवैसी की फोटो लगा होना कुछ लोगों को रास नहीं आया। आरोप है कि इसी वजह से एक भीड़ ने उसके साथ मारपीट की और ऑटो में भी तोड़फोड़ मचाई है। वसीम ने यह भी दावा किया है कि उसके कपड़ों को ले कर भी कमेंट किए गए। हिन्दू विरोध में आदी हो चुके कुछ वामपंथी हैंडलों द्वारा इस पर बिना पुलिस का पक्ष सुने ही एक्शन की माँग उठने लगी।
सुदर्शन न्यूज़ ने इस मामले की पड़ताल की। हमारी पड़ताल में ये तथ्य निकल कर सामने आया कि ऑटो ड्राइवर के तमाम आरोप मौखिक हैं। बताया यह भी जा रहा है कि किराया आदि के लिए किए गए विवाद को हेड क्राइम का रूप देने की कोशिश की जा रही है। अभी तक वसीम खान अपने दावों के समर्थन में कोई इलेक्ट्रानिक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं। महज कुछ ही देर में पुलिस के संज्ञान में आने से पहले ही उनका वीडियो सोशल मीडिया पर ऐसे वायरल हुआ, जैसे उसके लिए पहले से तैयारी रखी गई रही हो।
हमारी पड़ताल में यह बात भी निकल कर सामने आई कि वसीम पुलिस से पहले कई इस्लामी सोशल मीडिया इन्फ़्लूएन्सरों से मिल गए। उनके द्वारा काटे गए हंगामे के बाद यह मामला पुलिस से संज्ञान में आता है। अमूमन कोई वास्तविक पीड़ित अपने साथ घटना घटने के बाद सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज करवाता है। सीधे पुलिस में न जाने के पीछे वसीम द्वारा अजीबोगरीब कुतर्क दिए गए जो कहीं न कहीं उनकी थ्योरी को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।
वायरल हो रहे वीडियो में वसीम ने भगवा रंग के कपड़े पहन रखे हैं। उसके हाथ में कड़ा भी दिखाई दे रहा है। अमूमन ऐसे परिधान हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग पहनते हैं। ओवैसी का एक हिंसक जैसा पोस्टर उसकी ऑटो के पीछे लगा हुआ है। इस बीच में कई ऐसे वाहनों का चालान हुआ था जिसमें देवी-देवताओं के नाम लिखे हुए थे। ऐसे में ऐसे पोस्टर के लगा होने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस द्वारा इसे अनदेखा करना भी कई सवाल पैदा कर रहा है। सवाल यह भी है कि इस पोस्टर से वसीम संदेश क्या दे रहा था ? इस ऑटो में लिखी एक लाइन है, "जिसके जिगरे में है दम, वही AIMIM के संग।' पीछे हरे रंग का झंडा भी लगा हुआ है।
सुदर्शन न्यूज़ की जाँच में यह भी सामने आया है कि वसीम द्वारा प्रयोग किया जा रहे ऑटो रिक्शा का पॉलुशन काफी समय से एक्सपायर है। मुंबई जैसे शहर में बिना बिना प्रदूषण के ऑटो चलाना और उस पर पुलिस की कार्रवाई न होना भी कई सवाल खड़े करता है। वसीम द्वारा चलाया जा रहे ऑटो की नंबर प्लेट भी नियम विरुद्ध पुराने नंबर प्लेट पर चलता पाया गया। पिछले लम्बे समय से हाई सिक्योरिटी प्लेट वाहनों में अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में बिना चालान के ही वसीम द्वारा पुराने नंबर प्लेट पर मुंबई जैसे शहर में चलाना भी हैरान करता है।