मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए इस कदम का ऐलान किया। पिछले वर्ष के अंत में राज्य में जातीय हिंसा के चलते उन्होंने माफी भी मांगी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह साल बहुत ही कठिन रहा।
उन्होंने मणिपुर के लोगों से तीन मई 2023 से लेकर अब तक हुई घटनाओं के लिए माफी मांगी। साथ ही उन्होंने दुख व्यक्त किया कि कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए।
मणिपुर हिंसा का दबाव
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा का दौर जारी है, जिसके परिणामस्वरूप 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। नवंबर में मणिपुर के जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके बच्चों की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई। इस हिंसा के कारण CM एन. बीरेन सिंह पर लगातार दबाव बढ़ रहा था और उनकी सरकार से इस्तीफे की मांग भी तेज हो गई थी। एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और नेतृत्व में बदलाव की बात की थी।
मणिपुर हिंसा का कारण
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को हुई थी। उस समय मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने की मांग की गई थी। इसके बाद राज्य में हिंसा का सिलसिला बढ़ता गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने स्थिति को काबू में करने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया।
एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ महीनों में शांति की स्थिति देखकर उन्हें उम्मीद है कि 2025 तक राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।