हिंदूओं के 500 साल के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को श्री रामलला अपने महल में विराजित होंने जा रहे हैं. भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सनातनियों के हृदय में उत्साह है. सभी का मन प्रफुल्लित है. ऐसे ही जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का वर्णन करते हुए 85 वर्षीय पाकिस्तानी हिंदू लक्ष्मी से बात की गई को उनकी आंखें भर आई. वह भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि उनके भारत में रहते ही सभी के आराध्य प्रभु श्री राम अपने महल लौट रहे हैं.
दीपक जलाकर विधि-विधान से करेंगी पूजा अर्चना
पाकिस्तानी हिंदू लक्ष्मी का कहना है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर वह सब कुछ करेंगी जो उनसे हो सकेगा. वह अपने घर में दीपक जलाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करेंगी. भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरण करेंगी और जल्द ही रामलला के दर्शन करने अयोध्या भी जाएंगी. जानकारी के लिए बता दें कि मजनू का टीला में स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी शिविर में लक्ष्मी सबसे बुजुर्ग लोगों में से एक हैं.
लक्ष्मी बेटों के साथ साल 2011 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद से जान व धर्म बचाकर आई थीं. पाकिस्तानी हिंदू लक्ष्मी का कहना कि कोई वहां के हिंदुओं से पूछे, उनके लिए राम और धर्म का कितना महत्व है. मतांतरण कर लेतीं तो उनके लिए पाकिस्तान ही बेहतर हो जाता, लेकिन धर्म बचाने के लिए ही घर, जमीन व समाज छोड़कर उनके साथ बाकी हिंदू आए हैं.
पाकिस्तानी में धर्म के नाम पर होते थे प्रताड़ित
आपको बता दें कि इस शरणार्थी कैंप में 175 हिंदू परिवारों के 750 लोग निवास करते हैं. जो पड़ोसी देश में धर्म के नाम पर प्रताड़ित हुए थे. बताया जा रहा है कि हिंसा और अत्याचार के चलते अभी भी इस कैंप में पाकिस्तान से हिंदुओं के आने का क्रम जारी है. शरणार्थियों के पास अभी पाकिस्तान की नागरिकता ही है. शरणार्थी शिविर के मुखिया सोना दास हर्षित होकर कहते हैं कि बस्ती के बीच में भगवान हनुमान और शिव के मंदिर को ही 22 जनवरी को अयोध्या धाम बनाया जाएगा.