अगरतला में बांग्लादेश के उप-उच्चायोग परिसर में हुई तोड़फोड़ की घटना के एक दिन बाद, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के रिश्तों पर चर्चा की गई।
भारत-बांग्लादेश के बीच स्थिर संबंधों की आवश्यकता
भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने अपनी मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच बहुत सारे मुद्दों पर सकारात्मक और बहुआयामी रिश्ते हैं, जिन्हें एक विशेष मुद्दे तक सीमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ निरंतर, स्थिर और रचनात्मक संबंध बनाने के पक्ष में है। दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते आपसी विकास के लिए आवश्यक हैं।
दोनों देशों में सकारात्मक बदलाव
प्रणय वर्मा ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, जैसे बिजली आपूर्ति और आवश्यक वस्तुओं के क्षेत्र में सहयोग। उन्होंने बताया कि इन बदलावों के आधार पर, दोनों देशों के बीच वार्ता को और आगे बढ़ाने की इच्छा है।
नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ाई गई
2 दिसंबर को भारत ने दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग और अन्य राजनयिक परिसरों की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया। यह कदम तब उठाया गया जब अगरतला में बांग्लादेश उप-उच्चायोग में तोड़फोड़ की घटना हुई थी।
भारत की तरफ से कड़ी निंदा
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि बांग्लादेश उप-उच्चायोग के परिसर में तोड़फोड़ बेहद चिंताजनक है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में राजनयिक और वाणिज्य दूतावास की संपत्तियों पर हमला नहीं होना चाहिए।
बांग्लादेश में हिंसा और तनाव
बांग्लादेश में हालात तब और बिगड़ गए जब 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा झंडा फहराने और देशद्रोह के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हिंसा बढ़ी। इसके बाद अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमले तेज हो गए। हाल ही में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत रद्द होने के बाद संघर्ष और भी बढ़ गया, जिसमें एक वकील की मौत और कई हमले हुए।
त्रिपुरा के होटल मालिकों का बांग्लादेशियों के खिलाफ निर्णय
ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव सैकत बंदोपाध्याय ने बताया कि बांग्लादेश में भारतीय ध्वज का अपमान करने के बाद त्रिपुरा के होटल मालिकों ने यह निर्णय लिया है कि वे अब बांग्लादेशी मेहमानों को सेवा नहीं देंगे।