भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) और गुजरात एटीएस (ATS) ने 12-13 अप्रैल 2025 की रात को मिलकर एक सूचना आधारित विशेष ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें 300 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थ बरामद किए गए। इनकी अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमत करीब ₹1800 करोड़ आंकी गई है। बताया जा रहा है कि यह मादक पदार्थ मेथामफेटामिन हो सकता है।
यह अभियान पश्चिमी तटरक्षक क्षेत्र के एक जहाज द्वारा चलाया गया, जो उस समय उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्र में गश्त कर रहा था। जैसे ही गुजरात ATS से मिली सूचना पर संदिग्ध गतिविधि की पुष्टि हुई, जहाज ने अपनी दिशा बदली और IMBL (अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा) के निकट संदिग्ध नाव को रोका।
पकड़े जाने की आशंका पर समुद्र में डाली गई ड्रग्स की खेप
जब संदिग्ध नाव पर सवार लोगों ने देखा कि तटरक्षक बल की नाव उनकी ओर बढ़ रही है, तो उन्होंने पूरी ड्रग्स की खेप को समुद्र में फेंक दिया और नाव को लेकर IMBL की ओर भाग निकले।
तटरक्षक जहाज ने तुरंत अपनी सी बोट (छोटी नाव) को तैनात किया ताकि समुद्र में फेंकी गई मादक वस्तुओं को बरामद किया जा सके। इसी दौरान संदिग्ध नाव का भी पीछा किया गया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पार कर जाने के कारण तटरक्षक बल को रोकना पड़ा और नाव को पकड़ना संभव नहीं हो सका।
तटरक्षक बल की टीम ने कड़ी रात के हालात में खोजबीन कर समुद्र से बड़ी मात्रा में नशीला सामान बरामद कर लिया। बरामद ड्रग्स को अब पोरबंदर लाया गया है, जहां संबंधित एजेंसियां आगे की जांच कर रही हैं।
पिछले वर्षों में 13 बड़ी सफलताएं
यह ऑपरेशन भारतीय तटरक्षक बल और गुजरात ATS के बीच मजबूत समन्वय का उदाहरण है। हाल के वर्षों में दोनों एजेंसियों की यह 13वीं बड़ी कामयाबी है, जो दर्शाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ये संस्थाएं कितनी समर्पित हैं।