आइजोल में आज यानी शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थानांतरण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने मील का पत्थर करार दिया। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार मिजोरम के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। असम राइफल्स के शिविर को आइजोल से बाहर स्थानांतरित करना इसका सबूत है।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं है, बल्कि यह मिजोरम लोगों को लेकर सरकार की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य की अनूठी भौगोलिक स्थिति है। इस कारण यहां के रहने वाले मिजो लोग 35 सालों से अधिक समय से पुनर्वास की मांग करते रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित ने कहा कि 30-35 वर्षों से चली आ रही यह मांग अब पूरी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक महत्वपूर्ण निर्णय के कारण संभव हो पा रहा है। पूर्वोत्तर के विकास के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में अभूतपूर्व शांति सुनिश्चित की है। भाजपा सरकार सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सुंदर मिजोरम चाहती है, प्रधानमंत्री मोदी यहां विकास परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रख रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि यह फैसला मिजोरम के विकास के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का दर्शाता है। उन्होंने कहा कि साल 1890 में आइजोल में पहला सैन्य शिविर बनाया गया था। उस समय से यह फैसला आइजोल के विकास के इतिहास के लिए काफी अहम है।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों से कृषि से लेकर उद्यमिता तक , पर्यटन से लेकर तकनीक तक हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किए गये हैं। पूरे पूर्वोत्तर को एकजुट और मजबूत करने के लिए अथक कोशिश कर रही है।
अमित शाह ने पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व शांति स्थापित करने में पीएम मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने इस क्षेत्र का 78 बार दौरा किया है। उन्होंने कहा कि कृषि से लेकर उद्यमिता, पर्यटन से लेकर तकनीक, तक मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर के हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित किया है।