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Kalashtami 2025: कालाष्टमी के दिन ऐसे करें पूजा, जानें सही विधि और नियम

कालाष्टमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला व्रत है, जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

Deepika Gupta
  • Feb 12 2025 11:14AM

कालाष्टमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला व्रत है, जो हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में कालाष्टमी 20 फरवरी को मनाई जाएगी। 

कब है कालाष्टमी 

फरवरी महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 तारीख को सुबह 9 बजकर 58 मिनट हो जाएगी। वहीं ये इस तिथि का समापन 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 20 फरवरी को कालाष्टमी रहेगी। इसी दिन कालाष्टमी का व्रत और भगवान काल भैरव का पूजा-उपासना की जाएगी।

पूजा विधि

स्नान और व्रत का संकल्प: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें। 

पूजा स्थल की तैयारी: स्वच्छ स्थान पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

पंचामृत से अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) और गंगाजल से भगवान का अभिषेक करें। 

स्मरण और मंत्र जाप: भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप करें, जैसे: "ॐ कालभैरवाय नमः"। 

भोग अर्पण: भगवान को फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग अर्पित करें। 

दीपक और धूप: सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।

आरती और प्रसाद वितरण: आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

पूजा नियम

मांसाहार, मदिरा और नशीले पदार्थों से परहेज करें। 

काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। 

गरीबों को दान दें। 

किसी से विवाद न करें और नकारात्मक विचारों से बचें। 


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