भारतीय वायुसेना के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित नाम, मार्शल ऑफ द इंडियन एयर फोर्स अर्जन सिंह (पद्म विभूषण, डीएफसी) की 106वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित आस्था सीनियर सिटीजन होम में उनके जीवन और योगदान को सम्मानित करते हुए उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया।
एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग ने किया प्रतिमा का अनावरण
इस समारोह में वायुसेना अनुरक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग और एयर फोर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सेवानिवृत्त) एयर मार्शल जगजीत सिंह ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर एएफएफडब्ल्यूए (रिटायर्ड) की अध्यक्ष श्रीमती ऋतु गर्ग, वायुसेना के दिग्गज पूर्व सैनिक, और तुगलकाबाद एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
रणनीतिक कौशल और राष्ट्र सेवा की मिसाल
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में मार्शल अर्जन सिंह की निर्णायक भूमिका को याद किया। उनके नेतृत्व में भारतीय वायुसेना ने अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी टैंक हमले को कुचलते हुए युद्ध का रुख भारत के पक्ष में मोड़ा। वे भारतीय वायुसेना के इकलौते फाइव स्टार अधिकारी रहे हैं, जिनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना रहेगा।
पूर्व सैनिकों और वयोवृद्धों से संवाद
समारोह के पश्चात एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग और श्रीमती ऋतु गर्ग ने वरिष्ठ नागरिकों से भेंट कर उनके स्वास्थ्य और जीवनशैली की जानकारी ली। वायुसेना के जवानों ने उन वयोवृद्धों से संवाद किया, जिन्होंने स्वयं अर्जन सिंह के साथ कार्य किया था। इन अनुभवों और संस्मरणों ने इस महान योद्धा की जीवंत छवि को एक बार फिर सबके सामने ला दिया।
अर्जन सिंह: एक जीवंत किंवदंती
मार्शल अर्जन सिंह न केवल भारतीय वायुसेना के लिए बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए एक प्रेरणास्तंभ रहे हैं। उनकी यह प्रतिमा न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पण, साहस और दूरदर्शी नेतृत्व की स्मृति भी है जो आने वाली पीढ़ियों को कर्तव्यपथ की ओर मार्गदर्शन देती रहेगी।