राज्यसभा के 6वें बैच के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका की ओर से राष्ट्रपति के निर्णय लेने के लिए समयसीमा निर्धारित करने और सुपर संसद के रूप में कार्य करने को लेकर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट लोकतांत्रिक ताकतों पर परमाणु मिसाइल नहीं दाग सकता.
उन्होंने कहा, अनुच्छेद 142 लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक परमाणु मिसाइल बन गया है, जो न्यायपालिका के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है. उपराष्ट्रपति ने कहा, हाल ही में एक फैसले में राष्ट्रपति को निर्देश दिया गया है. हम किस दिशा में जा रहे हैं? देश में क्या हो रहा है? हमें बेहद संवेदनशील होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि, यह सवाल नहीं है कि कोई पुनर्विचार याचिका दायर करता है या नहीं. हमने इस दिन के लिए लोकतंत्र की कभी उम्मीद नहीं की थी. राष्ट्रपति को समयबद्ध तरीके से निर्णय लेने के लिए कहा जाता है और यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह कानून बन जाता है.
उपराष्ट्रपति धनकड़ ने कहा कि, उनकी चिंताएं बहुत बड़े स्तर पर थीं और उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा देखने को मिलेगा. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को याद दिलाया कि भारत के राष्ट्रपति का पद बहुत ऊंचा है. उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति संविधान के संरक्षण, सुरक्षा और बचाव की शपथ लेते हैं. मंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसद और न्यायाधीश सहित अन्य लोग संविधान का पालन करने की शपथ लेते हैं.