कर्नाटका में एयरो इंडिया 2025 के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा ‘नवाचार उत्कृष्टम भविष्यं (Innovation is the Path to Better Future)’ थीम पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। यह सेमिनार रक्षा बलों, उद्योग और अनुसंधान एवं विकास एजेंसियों के बीच सहयोग को प्रेरित करने का उद्देश्य था, ताकि एक मजबूत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके। इस कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि भारतीय वायुसेना के वायुसेना प्रमुख भी उपस्थित थे।
आत्मनिर्भरता: भारत के भविष्य के लिए परिवर्तनकारी दृष्टिकोण
रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने अपने संबोधन में कहा, “आत्मनिर्भरता केवल एक नीति नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। रक्षा क्षेत्र इस दृष्टिकोण का एक अहम हिस्सा है, जहां स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना और विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को कम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने भारतीय वायुसेना के योगदान को भी उजागर किया, जो स्वदेशी रक्षा विकास और निर्माण में सक्रिय रूप से भाग ले रही है।
स्वदेशी रक्षा क्षमता का विकास
संजय सेठ ने आगे कहा कि स्वदेशी रक्षा क्षमता के विकास से न केवल निरंतर रखरखाव समर्थन मिलेगा, बल्कि सशस्त्र बलों की संचालन क्षमता भी बढ़ेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे बल हमेशा भविष्य के लिए तैयार रहें और हर कदम आगे बढ़ें। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय वायुसेना ने iDEX योजना के तहत 78, MAKE योजना के तहत 48 और TDF पहल के तहत 37 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो विभिन्न विकास चरणों में हैं।
सभी हितधारकों से सहयोग की अपील
रक्षा राज्यमंत्री ने सभी हितधारकों से अपील की कि वे सशस्त्र बलों को उनके कार्यों में मदद करें, ताकि वे बदलती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हो सकें। उन्होंने कहा कि MSME और स्टार्टअप्स नवाचार के क्षेत्र में भारत की रीढ़ हैं, जो बदलाव को अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ाने की क्षमता और रचनात्मकता रखते हैं। उन्होंने MSME को आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने और रक्षा उत्पादन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
IAF की नई पहल और डिजिटल पोर्टल की शुरुआत
सेमिनार के दौरान रक्षा राज्यमंत्री ने भारतीय वायुसेना द्वारा रचित ‘IAF Compendium of Challenges & Opportunities for Indian Industry’ नामक संकलन का विमोचन किया, जो रक्षा क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों और एयरोस्पेस क्षेत्र में नवाचार और विकास के अवसरों को पहचानता है। इसके अलावा, उन्होंने IAF और HAL के बीच आपूर्ति आदेश, प्रमाणन और भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘VAYU VITT’ डिजिटल पोर्टल का उद्घाटन किया। यह पोर्टल न केवल डिजिटलीकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि दक्षता और पारदर्शिता में भी सुधार करेगा।
मेहर बाबा प्रतियोगिता और पैनल चर्चा
इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में ‘Manned Unmanned Teaming- From Concept to Targeting’ पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें एयरोस्पेस क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्योगपति, प्रमाणन एजेंसियां और उपयोगकर्ता शामिल हुए। पैनल चर्चा में भारतीय उद्योग के स्वदेशी समाधानों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जो हमारी राष्ट्र की रक्षा और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं।