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कौशल, संयम और सफलता की तिकड़ी... आर्ट ऑफ लिविंग के सेंटर में ग्रामीण युवाओं को मिल रहा है सुरक्षित करियर का सुनहरा मौका

Art of Living Bengaluru: आर्ट ऑफ लिविंग का सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को दे रहा आत्मविश्वास और करियर की उड़ान.

Ravi Rohan
  • Apr 8 2025 8:28PM

ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आर्ट ऑफ लिविंग ने हाल ही में अपने सुरक्षा प्रशिक्षण और प्लेसमेंट प्रोग्राम के पहले चरण को पूरा किया। इसमें देशभर से 43 युवक - युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया।

यह कार्यक्रम 17 से 25 मार्च के बीच आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर बैंगलुरु में आयोजित हुआ, जिसमें 18 से 35 वर्ष के प्रतिभागियों ने भाग लिया। ये युवा पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और दिल्ली जैसे नौ राज्यों से आए थे। कई प्रतिभागियों के लिए यह पहली बार था जब वे अपने घर से बाहर आए और एक ऐसे वातावरण में पहुँचे जहाँ उन्हें न केवल कौशल मिला बल्कि आत्मविश्वास भी मिला।

सुमेरु रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड की एक शाखा श्री सुमेरु सुरक्षा एलएलपी के अंतर्गत चल रही इस पहल का लक्ष्य 2026 तक 10,000 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करना है। यह पहल सुरक्षा सेवाओं, हाउसकीपिंग, ड्राइविंग, इलेक्ट्रिकल वर्क और बुजुर्ग देखभाल जैसे ब्लू-कॉलर रोजगारों के लिए युवाओं को तैयार करती है।

प्रशिक्षण तीन चरणों में होता है: 10-दिवसीय आवासीय फाउंडेशन मॉड्यूल, दो महीने की ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (OJT), और प्लेसमेंट सपोर्ट। इस बैच की (OJT) 27 मार्च से शुरू हो चुकी है, और अब तक 18 सफल प्रशिक्षुओं को ₹17,000 तक की शुरुआती सैलरी के साथ नौकरी के प्रस्ताव मिल चुके हैं।

दिल्ली की प्रतिभागी अर्चना चौरेसिया ने कहा, “मैं यहां सुरक्षा प्रशिक्षण को समझने आई थी। अब मुझे लगता है कि मैं न केवल यह काम कर सकती हूं, बल्कि दूसरों को भी इसमें प्रशिक्षित कर सकती हूं।”

यह कार्यक्रम केवल तकनीकी कौशल तक सीमित नहीं है। इसमें जीवन की चुनौतियों और तनावों से निपटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं “सुदर्शन क्रिया सीखना मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट रहा है। मैं स्वयं को हल्का महसूस कर रही हूँ। इस प्रशिक्षण ने मुझे सिर्फ कमाने का तरीका नहीं, बल्कि भीतर की शांति भी दी है,” अर्चना ने जोड़ा।

प्रशिक्षण में आत्मरक्षा, फिटनेस, संवाद कौशल, बेसिक कंप्यूटर ज्ञान और भाषा विकास पर भी ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही प्रतिभागियों को NSDC प्रमाणित सामग्री और प्रशिक्षण के बाद निरंतर मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।

अगला प्रशिक्षण सत्र 1 से 15 मई के बीच आयोजित होने वाला है। यह पहल निरंतर गति पकड़ रही है, और ग्रामीण युवाओं को कौशल के माध्यम से सेवा और सम्मानजनक भविष्य की ओर ले जा रही है। (PR) 

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