जो हैं नाम बाला ओ ही बदनाम हैं .
परिहार मिलने के बाद दर्जन से अधिक कैदी खुले असबान मे हबा लें रहे हैं .हत्या के आऱोप मे कई लोग बिहार जेल नियम कारा हस्तक २०१२ के नियम 481(1)(क )के तहत रिहा हुए हैं .पर बबाल एक्स लोक सभा मेंबर आनंद मोहन पर ही हैं .अब बात दलित समाज से जोड़ कर देखा जा रहा हैं .बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन जिला पदाधिकारी जी किष्णनया की हत्या भीड़ ने कर डाली थी .