दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण एक बार फिर से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। प्रदूषण को लेकर हालात चिंताजनक होते देख सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) ने राजधानी दिल्ली सहित आसपास के क्षेत्रों में GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि आने वाले तीन से चार दिनों तक प्रदूषण का स्तर और बढ़ने का अनुमान है।
जानें क्या-क्या रहेंगी पाबंदियां
बता दें कि ग्रेप-3 लागू करने से कई पाबंदियां लागू हो जाएंगी। खासकर, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की प्राइवेट गाड़ियों पर बैन लग जाएगा। हालांकि, दिव्यांगों को इस बैन से छूट दी जाएगी। इससे उम्मीद की जा रही है कि सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने से प्रदूषण का स्तर कुछ हद तक घटेगा।
इसके अलावा, निर्माण और तोड़फोड़ के कार्यों पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी। हालांकि, रेलवे, मेट्रो, अस्पताल, सैनिटेशन से जुड़े प्रोजेक्ट्स, आईएसबीटी, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट्स को इस रोक से छूट दी गई है। ये कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोगों की सेहत को बचाने के लिए उठाए गए हैं।
दिल्ली में स्कूलों की स्थिति भी प्रभावित होगी। GRAP-3 के तहत अब पांचवीं तक की कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलेंगी, यानी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी और स्कूल में केवल जरूरी कार्यों के लिए ही उपस्थित होना होगा। यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि प्रदूषण के कारण बच्चों को बाहर जाना हानिकारक हो सकता है।
बता दें कि दिल्ली में जनवरी महीने में यह चौथी बार है जब GRAP-3 लागू किया गया है। इससे पहले भी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में गंभीरता देखी जा चुकी है और सरकार ने इस पर कई बार कार्रवाई की है। यह भी देखा गया है कि हर बार GRAP-3 के लागू होने से दिल्ली में प्रदूषण स्तर कुछ हद तक नियंत्रण में आया है, लेकिन प्रदूषण की समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है।
इन पाबंदियों का उद्देश्य केवल प्रदूषण को नियंत्रित करना ही नहीं है, बल्कि नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है। आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा में और अधिक सुधार की उम्मीद की जा रही है, ताकि चुनावों के दौरान भी लोगों को सांस लेने में परेशानी न हो।