पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान सुख प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए माना जाता है। यह एकादशी व्रत हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। 2025 में यह तिथि 12 जनवरी को है। इस दिन विशेष रूप से व्रति अपने पुण्य की प्राप्ति के लिए उपवासी रहकर पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से संतान की उम्र लंबी होती है और संतान सुख प्राप्ति की संभावनाएं प्रबल होती हैं। तो जानिए क्या-क्या करें दान।
पुत्रदा एकादशी पर दान का महत्व
पुत्रदा एकादशी के दिन खासतौर पर कुछ विशेष चीजों का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इन दान सामग्री के माध्यम से व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा, यह दान न केवल पुण्य प्रदान करता है, बल्कि परिवार में समृद्धि भी लाता है।
1. ताम्र पात्र या धातु का दान: इस दिन ताम्र के बर्तन, ताम्र के बर्तन में तेल और घी का दान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसे संतान सुख का प्रतीक माना जाता है। इस दान से संतान का जीवन निरोगी और सुखमय होता है।
2. गेहूं, चावल और आटा: इस दिन गेहूं, चावल और आटा का दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि घर में समृद्धि और धन की भी प्राप्ति होती है।
3. जल का दान: जल का दान भी पुत्रदा एकादशी पर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से उस जल का दान करना चाहिए, जिसे साफ और पवित्र माना जाता है। इसे संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है।
4. स्वर्ण और रत्नों का दान: इस दिन स्वर्ण, रत्न या अन्य आभूषणों का दान भी बेहद शुभ माना जाता है। यह दान संतान की समृद्धि और वैभव में वृद्धि करता है। इसके अलावा यह आपके पुण्य को भी बढ़ाता है।
5. बर्तन और वस्त्र का दान: इस दिन बर्तन, वस्त्र और अन्य उपयोगी सामान का दान भी किया जाता है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।