साल 2025 की पहली एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी होगी, जो 9 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत और पूजा का आयोजन किया जाता है। हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाती है, और व्रति उपवासी रहकर दिनभर भगवान का स्मरण करते हैं। तो जानिए सही तिथि और महत्व।
कब है पौष पुत्रदा एकादशी ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 जनवरी दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर होगा।
पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व
पौष पुत्रदा एकादशी का नाम ही इसके महत्व को दर्शाता है। 'पुत्रदा' का अर्थ है 'पुत्र देने वाली' और इस दिन को संतान सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह एकादशी विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो संतान की इच्छा रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से भगवान श्री विष्णु कृपा करते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ उनके साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। कुछ भक्त इस दिन भगवान के साथ विशेष रूप से गोविंद मंत्र का जाप करते हैं।
कैसे करें पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत?
पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करके भगवान श्री विष्णु का पूजन करके प्रारंभ करें। पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि अर्पित किए जाते हैं। व्रत रखने वाले श्रद्धालु इस दिन उपवासी रहते हैं और रातभर भगवान का भजन करते हैं। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से संतान सुख की कामना करने वाले दंपति पूजा अर्चना करते हैं।